रायपुर। एसटी/एससी/ओबीसी अधिनियम में किए गए बदलाव को लेकर जनता कांग्रेस नेता अमित जोगी ने राज्यपाल अनुसुईया उइके से मुलाकात की. करीबन डेढ़ घंटे तक चली मुलाकात के दौरान अमित जोगी ने अपनी शंकाओं से राज्यपाल को अवगत कराया.

राज्यपाल से मुलाकात के बाद अमित जोगी ने बयान जारी कर कहा कि भारतीय संविधान के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि राज्यपाल के नाम पर अधिसूचना जारी की गई है, लेकिन उसकी सूचना राज्यपाल तक को नहीं दी गई है. उन्होंने कहा कि यह संविधान से जुड़ा गंभीर मामला है, जिसमें राष्ट्रपति के प्रतिनिधि और राज्य के संविधान प्रमुख राज्यपाल के कार्य और शक्तियों का हनन किया गया है. यह संविधान के साथ सीधे-सीधे धोखाधड़ी है. जिसने भी कूटरचित हस्ताक्षर किए है उस व्यक्ति ने राज्यपाल के नाम और उनके पद का दुरूपयोग किया हैं, ऐसे व्यक्ति के विरूध्द विरूद्ध भारतीय दण्ड सहिंता की धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी, धोखाधड़ी, कूटरचना, अपराधिक षडयंत्र की की कार्यवाही निर्धारित किया जाना चाहिए.

अमित जोगी ने कहा मेरे द्वारा राज्यपाल महोदया सुश्री अनुसूईया उइके जी से भेंटकर उक्त असंवैधानिक और आपराधिक संशोधन की जानकारी उनके संज्ञान में दिया गया हैं और मुझे विश्वास है कि वो सरकार से इस संबंध में जरूर स्पष्टीकरण मांगेगी. उन्होंने कहा कि जब संसद कोई विधेयक/बिल को पारित करती है उस पर जब तक राष्ट्रपति के हस्ताक्षर नहीं होते तब तक कानून नहीं बनता है. उसी प्रकार कोई भी कानून या संशोधन तब तक अस्तित्व में नहीं आता, जब तक उसमें राज्यपाल के नाम से जारी किया नहीं किया जाता. 24 सितंबर की रात को राज्यपाल के नाम से जो अधिसूचना जारी की गई, उसकी सूचना ही राज्यपाल को नहीं दी गई है. यह कृत्य जनता के साथ, संविधान के साथ और हमारे लोकतंत्र के साथ धोखा हैं.