नई दिल्ली. त्रिपुरा में बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झौंक दी है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि बीजेपी त्रिपुरा में हिंसा की राजनीति को विकास की राजनीति में बदलना चाहती है. उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में स्टालिन और लैनिन की जंयती मनाई जाती है लेकिन गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर और विवेकानंद की जयंती नहीं मनाई जाती है.

अमित शाह ने दावा कि त्रिपुरा में उनकी सरकार बनने पर पांच साल में मॉडल राज्य बना देंगे. उन्होंने कहा कि यहां लाल भाईयों की सरकार है. उन्होंने पूछा कि क्या यहां सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के तहत सैलरी मिलती है. शाह की तीन जगहों पर रैली है. मोहनपुर, चौमानून और तेलियामूरा.

त्रिपुरा में 60 सीटों पर विधानसभा का चुनाव 18 फरवरी को होने जा रहा है और इसके परिणाम तीन मार्च को जारी होंगे. चुनाव में सबसे ज्यादा संपत्ति रखने वाले शीर्ष 10 उम्मीदवारों में सात भाजपा के और तीन कांग्रेस के हैं.

त्रिपुरा विधानसभा का चुनाव लड़ रहे 297 उम्मीदवारों में से 22 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. गैर सरकारी संगठन त्रिपुरा इलेक्शन वॉच के द्वारा किए गए एक अध्ययन में बताया गया है कि 17 उम्मीदवारों के खिलाफ दंगा, हत्या, आपराधिक धमकी और बलात्कार के आरोप हैं. इन 17 उम्मीदवारों में से नौ भाजपा, तीन कांग्रेस, दो आईपीएफटी, एक तृणमूल कांग्रेस और अन्य स्वतंत्र उम्मीदवार हैं. त्रिपुरा इलेक्शन वॉच के संयोजक बिस्वेंदु भट्टाचार्य ने बताया कि ये जानकारियां उम्मीदवारों द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान दिए गए हलफनामों में मौजूद है.