नई दिल्‍ली। बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्‍चन सोशल मीडिया पर बेहद सक्रिय हैं. वे अपने प्रशंसकों से लगातार इसके माध्यम से रू-ब-रू होते रहते हैं. लेकिन इस बार वे अपने ट्विटर पोस्ट के कारण सुर्खियों में आ गए हैं, इसे लेकर तरह-तरह की बातें होनी शुरू हो गई हैं.

दरअसल लोग बातें इसलिए करने लगे हैं क्योंकि बिग बी अचानक से ट्विटर पर कांग्रेस के नेताओं को फॉलो करने लगे हैं. कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के बाद अमिताभ ने इस महीने पी चिदंबरम, कपिल सिब्‍बल, अहमद पटेल, अशोक गहलोत, अजय माकन, ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया, सचिन पायलट और सीपी जोशी जैसे कांग्रेस नेताओं को फॉलो करना शुरू कर दिया है. उन्होंने मनीष तिवारी, शकील अहमद, संजय निरुपम, रणदीप सुरजेवाला, प्रियंका चतुर्वेदी और संजय झा जैसे कांग्रेस नेताओं को भी ट्विटर पर फॉलो करना शुरू किया है.

अमिताभ की फॉलोविंग लिस्‍ट में एनसी के उमर अब्‍दुल्‍ला और एनसीपी के सुप्रिया सुले भी शामिल हैं. वहीं उन्‍होंने आम आदमी पार्टी के जिन नेताओं को फॉलो करना शुरू किया है, उनमें मनीष सिसोदिया, गोपाल राय, संजय सिंह, कुमार विश्‍वास और आशीष खेतान शामिल हैं. मनीष तिवारी ने फॉलो करने के लिए अमिताभ का शुक्रिया भी अदा किया.

अचानक विपक्षी पार्टियों को लेकर अमिताभ की रुचि को देखकर वे भी हैरान हैं. अमिताभ ने अन्य विपक्षी पार्टियों के नेताओं में जिन्हें फॉलो करना शुरू किया है, उनमें आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद, उनकी बेटी मीसा भारती, जेडीयू के नीतीश कुमार, सीपीआइएम के सीतारमण येचुरी शामिल हैं.

ट्विटर पर अमिताभ बच्चन के 33.1 मिलियन से ज्‍यादा फॉलोअर्स हैं और वे सिर्फ 1,689 लोगों को ही फाॅलो करते हैं.

अमिताभ की कभी नेहरू-गांधी परिवार से थी बहुत दोस्ती

एक वक्त था जब अमिताभ बच्चन के माता-पिता तेजी बच्चन और हरिवंश राय बच्चन समेत पूरे परिवार की नेहरू-गांधी परिवार से बेहद करीबी संबंध थे. अमिताभ की पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से गहरी दोस्ती थी. वहीं अमिताभ के पिता और मशहूर कवि और लेखक हरिवंश राय बच्चन और राजीव गांधी के नाना पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू भी दोस्त थे.

राजीव गांधी और बिग बी इतने गहरे दोस्त थे कि जब राजीव पढ़ने के लिए इंग्लैंड गए थे, तब वे अमिताभ को चिट्ठियां लिखा करते थे.

वहीं 1968 में सोनिया गांधी जब इटली से भारत आईं, तो उन्हें एयरपोर्ट पर लेने के लिए खुद अमिताभ बच्चन गए थे. सोनिया और राजीव गांधी की शादी सोनिया के इंडिया आने के 43 दिन के बाद हुई थी और इस दौरान सोनिया अमिताभ के घर पर ही रही थीं.

साल 1984 में अमिताभ राजनीति में आए. उन्होंने इलाहाबाद सीट से चुनाव लड़ा और भारी जीत हासिल की. हालांकि बोफोर्स घोटाले के आरोप जब राजीव गांधी सरकार पर लगे, तो अमिताभ भी निशाने पर आ गए. इसके बाद अमिताभ ने राजनीति से संन्यास ले लिया और जीत के महज़ 3 साल के बाद ही इस्तीफा दे दिया. राजीव गांधी अमिताभ के इस फैसले से बेहद नाराज़ थे और यहीं से दोनों की दोस्ती में दरार पड़ी.

साल 1991 में राजीव गांधी की हत्या कर दी गई. इसके बाद दोनों परिवारों में दूरियां बढ़ गईं.