रायपुर। सर्वशिक्षा अभियान के तहत कार्यरत प्रदेश के लगभग 80 हजार पंचायत शिक्षकों को पिछले 2 माह से वेतन नहीं मिला है, जिसके कारण उनमें भारी नाराज़गी है. उनका कहना है कि वेतन नहीं मिलने के कारण परिवार का पालन-पोषण तक मुश्किल हो गया है.

संयुक्त शिक्षाकर्मी संघ के प्रांताध्यक्ष केदार जैन ने बताया कि शादी-विवाह के इस समय में वेतन के बिना शिक्षाकर्मियों के सभी समारोह कर्ज की भेंट चढ़ रहे हैं और अब ग्रीष्मावकाश में खाली हाथ अपने परिवार के पास पहुंचे शिक्षाकर्मी गृह कलह के भी शिकार हो रहे हैं.

बताया जा रहा है कि आवंटन की अनुपलब्धता के कारण वेतन नहीं मिल रहा है. वहीं कई जिलों में शिक्षा व आदिम जाति विकास विभाग के शिक्षाकर्मियों को आवंटित राशि कम पड़ने से वेतन भुगतान नहीं हो पा रहा है.

राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन और सर्व शिक्षा अभियान के एकीकरण और संचालक SSA का प्रभार अभी तक स्पष्ट नहीं होने से आवंटन प्रदाय में हो रही देरी पर केदार जैन ने सरकार से सवाल पूछा है कि- मई माह होने वाली विकास यात्रा क्या पंचायत शिक्षकों के भूखे पेट से होकर गुजरेगी?

उन्होंने पूछा कि शिक्षाकर्मी बिना वेतन आखिर कैसे इस यात्रा में अपना विकास देखेंगे. प्रांताध्यक्ष केदार जैन ने तत्काल वेतन आवंटन प्रदाय की मांग करते हुए स्पष्ट कहा है कि खाली पेट, आंखों में संविलियन का सपना सजाए प्रदेश के शिक्षाकर्मियों की निगाहें छत्तीसगढ़ के मुखिया की ओर टिकी हैं और अब देखना यह है कि हमारे विश्वास और विकास की इस कड़ी को सरकार किस मजबूती से जोड़ती है.