नई दिल्ली। दिल्ली में सैकड़ों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं अपनी सैलरी बढ़ाए जाने और लंबे वक्त से रुके हुए बकाए को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गई हैं, जिस पर कांग्रेस ने आज दिल्ली सरकार पर निशाना साधा है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि सीएम की दिल्ली सरकार की प्रशासनिक विफलताओं के नतीजे कारण ही आज 4000 से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता वेतन वृद्धि की मांग को लेकर मुख्यमंत्री निवास पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं. दरअसल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर बैठी महिलाओं ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि 2017 के बाद से अभी तक एक पैसा भी दिल्ली सरकार ने नहीं बढ़ाया है, जबकि चुनावी राज्यों में जाकर आंगनबाड़ी महिलाओं को लेकर वादे कर रहे हैं. हमने महामारी के दौरान घर-घर जाकर लोगों की सेवाएं की, लेकिन फिर भी हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय बजट 2022 को ‘निराशाजनक’ करार दिया

 

दिल्ली कांग्रेस के अनुसार, केन्द्र सरकार ने इनके वेतन में बढ़ोतरी की घोषणा 11 सितम्बर 2018 को कर दी थी, जबकि अगस्त 2017 में 58 दिन की हड़ताल के बाद पिछली बार दिल्ली सरकार ने लगभग 22000 आंगनबाड़ी वर्करों के मानदेय में बढ़ोत्तरी की थी. वर्तमान में आगनबाड़ी कार्यकर्ता 9678 रुपये और हेल्पर्स को 4839 रुपये मासिक मिल रहा है, जबकि दिल्ली में न्यूनतम वेतन लगभग 14000 रुपये मासिक है.

अकाली नेता हरसिमरत बादल ने किया राहुल गांधी की जेब कटने का ट्वीट, कहा- ‘करीब तो चन्नी, सिद्धू और रंधावा ही थे’, सुरजेवाला ने झूठी खबरें फैलाने के लिए लताड़ा

 

अनिल कुमार ने आगे कहा कि दिल्ली मॉडल की दुहाई देने वाले केजरीवाल पंजाब के आगनबाड़ी वर्करों और गेस्ट टीचरों को नियमित करने का सब्जबाग दिखाकर भ्रमित कर रहे हैं, क्योंकि पिछले 7 वर्षों में उन्होंने दिल्ली के आगनबाड़ी वर्करों और गेस्ट टीचरों नियमित करना तो दूर सरकार द्वारा लागू न्यूनतम वेतन तक नहीं दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि पिछले 4 महीनों से अपने मानदेय में बढ़ोतरी के लिए प्रयासरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की दिल्ली स्टेट आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हैल्पर्स यूनियन ने 7 सितम्बर 2021 को दिल्ली व केन्द्र सरकार को हड़ताल चेतावनी दी थी.