रायपुर। LALLURAM.COM की ख़बर का एक बार फिर बड़ा असर हुआ है. एंजियोप्लास्टी के लिए अब मरीज़ों को भटकना नहीं पड़ेगा. राज्य के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल मेकाहारा अधीक्षक डॉक्टर नेताम ने कहा कि तीन मीटिंग के बाद टेंडर फ़ाइनल किया गया है. अगले सप्ताह से मरीज़ों को फ़ायदा मिलने लग जाएगा.

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एंजियोप्लास्टी के लिए अब मरीज़ों को भटकना पड़ रहा था. इसके बाद LALLURAM.COM ने खबर को प्रमुखता से उठाया. इसके बाद  लगभग साल भर से पेंडिंग टेंडर क्लियर हुआ है. ख़बर चलने के तीन दिन के भीतर नए अधीक्षक ने साल भर के लटके काम को क्लियर किया है. सामान सप्लाई नहीं होने के कारण एंजियोप्लास्टी नहीं हो रहा था. एंजियोप्लास्टी के लिए 200 से ज़्यादा लोग जिंदगी और मौत के बीच इलाज का इंतजार कर रहे हैं.

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हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉक्टर एसबीएस नेताम ने बताया कि एंजियोप्लास्टीक को लेकर आ रही तमाम अटकलें दूर कर ली गई है. टेंडर फंसे होने के कारण पूरी समान की सप्लाई नहीं हो पा रहा थी, जिसकी वजह से एंजियोप्लास्टी करने में दिक़्क़त आ रही थी. मरीज़ इलाज इंतज़ार कर रहे थे, अब अगले सप्ताह से शुरू हो जाएगी.

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विभागाध्यक्ष डॉक्टर स्मित श्रीवास्तव ने कहा कि अब ग़रीब मरीज़ों का जान बचाई जा सकती है. अब ग़रीब मरीज़ों को भी इलाज मिलेगी, लगभग साल भर से फंसें टेंडर के कारण इलाज में देरी हो रही थी. मरीज़ इंतज़ार कर रहे इलाज के लिए तत्काल कार्रवाई करने के लिए अधीक्षक को धन्यवाद देते हैं. मरीज़ों के हित में बिलकुल ये बड़ा फ़ैसला है.

क्या है एंजियोप्लास्टी- 
एंजियोप्लास्टी एक ऐसी सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें हृदय की मांसपेशियों तक ब्लड सप्लाई करने वाली रक्त वाहिकाओं को खोला जाता है. मेडिकल भाषा में इन रक्त वाहिकाओं को कोरोनरी आर्टरीज़ कहते हैं. डॉक्टर अक्सर दिल का दौरा या स्ट्रोक जैसी समस्याओं के बाद एंजियोप्लास्टी का सहारा लेते हैं.