दीपक कौरव, नरसिंहपुर। जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के पार्थिव शरीर को नरसिंहपुर के झोतेश्वर आश्रम में समाधि दी जाएगी। समाधि के पहले नए शंकराचार्य की घोषणा कर दी गई है। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद ज्योर्ति पीठ के और दंडी स्वामी सदानंद सरस्वती जी द्वारिका शारदा पीठ के लिए के नाम पर मुहर लगी है। दोनों नए शंकराचार्य दोनों पीठों की अलग अगल जिम्मेदारी आज से ही संभालेंगे।

जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के पार्थिव शरीर को नरसिंहपुर के झोतेश्वर आश्रम में राजकीय सम्मान के साथ समाधि दी जाएगी। समाधि की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। शंकराचार्य महाराज के शिष्यों का आश्रम आना शुरू हो गया है। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस के जवान आला अधिकारियों के साथ मौजूद है। समाधि कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित पूर्व मुख्यमंत्रियों के भी आने की संभावना हैं।

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के ब्रह्मलीन होने के बाद लगातार नरसिंहपुर के झोतेश्वर स्थित मणिदीप आश्रम में महाराज श्री के अंतिम दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी है। भक्तों को महाराज श्री के अंतिम दर्शन आसानी से हो सके इसके लिए महाराज जी के पार्थिव शरीर को सभी भक्तों के समक्ष पालकी पर रखा गया है और यात्रा भी निकाली जा रही है। इस दौरान झोतेश्वर स्थित मणिदीप आश्रम से कुछ ही दूरी पर महाराज जी की समाधि के लिए स्थान चुना गया और उस स्थान पर लगभग तैयारियां पूर्ण हो चुकी है।

ब्रह्मलीन हुए शंकराचार्य स्वरूपानंद: कल नरसिंहपुर के परमहंसी गंगा आश्रम में दी जाएगी समाधि, 9 साल की उम्र में धर्म के लिए छोड़ दिए थे घर, 1981 में मिली थी शंकराचार्य की उपाधि

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