वाराणसी। श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद विवाद मामले में एक और मुद्दई ने अंतर्राष्ट्रीय नंबरों से धमकी भरे कॉल आने का दावा किया है. यह मामले में एक महिला मुद्दई के पति सोहन लाल आर्य के कथित तौर पर धमकी भरे कॉल आने के कुछ दिनों बाद आया है. ज्ञानवापी मस्जिद के संबंध में 1991 में दर्ज एक अन्य मामले में हरिहर पांडेय मुख्य वादी हैं. संयोग से आर्य और पांडेय लक्सा थाना क्षेत्र के पड़ोसी इलाकों के मूल निवासी हैं.

इससे पहले वाराणसी के पूर्व सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर को भी जून में इस्लामिक आगाज मूवमेंट से एक धमकी भरा पत्र मिला था. दिवाकर ने श्रृंगार गौरी की पूजा करने के अधिकार की मांग करने वाली महिलाओं के मामले में कोर्ट-कमीशन सर्वेक्षण का आदेश दिया था.

मामले में जांच शुरू

स्टेशन अधिकारी लक्सा, अनिल साहू ने सोमवार को कहा कि “पांडेय ने धमकी भरे कॉल आने के बाद हमारे पास शिकायत दर्ज कराई है. हमने धारा 507 (गुमनाम संचार द्वारा आपराधिक धमकी) के तहत FIR दर्ज की है. इस मामले में जांच शुरू कर दी गई है”. पांडेय ने दावा किया कि उनके मोबाइल पर अलग-अलग अंतर्राष्ट्रीय नंबरों से दो कॉल आए.

सुरक्षा में पुलिसकर्मियों को किया गया तैनात

हरिहर ने कहा कि “ज्ञानवापी मस्जिद का जिक्र करते हुए फोन करने वालों ने धमकी दी कि न केवल मुझे, बल्कि मेरे पूरे परिवार को खत्म कर दिया जाएगा और कटे हुए सिर की तस्वीरें भी दिखा दी जाएंगी। उसके बाद कॉल काट दिया गया”. काशी ज्ञानवापी अभियुक्त क्षेत्र न्यास (ट्रस्ट), वाराणसी का अध्यक्ष होने का दावा करते हुए पांडेय ने कहा है कि वह काशी ज्ञानवापी मामले (संख्या 610. 1991) में मुख्य वादी हैं. हरिहर इस मामले में प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिग भगवान विश्वेश्वरनाथ, पंडित सोमनाथ व्यास और रामरंग शर्मा के साथ वादी हैं. इसमें सोमनाथ और रामरंग की पिछले कुछ वर्षो में मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद हरिहर इस मामले में एकमात्र प्रतिनिधि बचे हैं. SHO ने कहा कि मामला दर्ज होने के बाद उनकी सुरक्षा में पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया है.

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