रीवा। केंद्र में बैठी भाजपा की सरकार हो या फिर मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार हो. कांग्रेस ही नहीं अन्य दलों के नेता भी गाय पर सियासत करने से पीछे नहीं हटते. चुनावों के नजदीक आते ही यही नेता अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकने के लिए गाय को अपना चुनावी मुद्दा बना लेते हैं. लेकिन आज भी गाय की दुर्दशा किसी छिपी हुई नहीं है. आये दिन असामाजिक तत्वों के द्वारा गायों को मारने के लिए कहीं नहर में ढकेल दिया जाता है तो कहीं गहरी खाई में.
ऐसा ही एक ताजा मामला रीवा जिले के गढ़ थाना क्षेत्र के लालगांव चौकी से सामने आया है. जहां 2000 फिट गहरी खाई में 150 से अधिक गायों को धकेल दिया गया. स्थानीय लोगों को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने पुलिस से गुहार लगाई, लेकिन प्रशासनिक व्यवस्था इतनी लचर है कि न ही 28 तारीख से लेकर आज 8 तारीख तक कोई कार्रवाई हुई और न ही व्यवस्थित रेस्क्यू किया गया. आज 10 दिन बीत जाने के बाद प्रशासन की नींद खुली. तब कहीं जाकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. लेकिन 10 दिन तक गहरी खाई में भूंखे प्यासे पड़े सैकड़ों गौवंशो में से 50 की मौत हो गई. जबकि कल शुरू हुए रेस्क्यू अभियान में अभी गौवंशो को खाई से बाहर निकाला जा रहा है.
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स्थानीय निवासियों ने पुलिस प्रशासन से कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन पहले इस पूरे घटनाक्रम को बहुत हल्के में लिया गया. परिस्थितियों बहुत बिगड़ चुकी हैं. जितनी खाई में गोवंश को धकेला गया है वहां पर रेस्क्यू करने में प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. आरटीआई एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी ने कहा कि सरकारी दावों की पोल खोलती हुई घटना है. गोवंश सड़कों पर मर रहा है. सरकार इस दिशा में ध्यान नहीं दें रही है.
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गोवंश की ऐसी दुर्दशा अब विंध्य क्षेत्र में आम बात हो गई है. रीवा जिले का यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी कई जगह से शिकायतें आई थी. बताया जा रहा है कि एरा प्रथा से परेशान लोगों ने गोवंश को गहरी खाई में धकेल दिया, लेकिन उसके बाद भी प्रशासन नहीं चेता. प्रशासन ने गोवंश के लिए कोई व्यवस्था नहीं की. गौशालाओं का निर्माण भी अब ठंडे बस्ते में दिख रहा है. जबकि खुद रीवा सांसद कह चुके हैं कि गौशाला में भले बन गई है लेकिन इनका संचालन नहीं हो पाएगा. उन्होंने उसके लिए जिम्मेदार आम जनता को बताया है.
इस मामले में कांग्रेस नेता सिद्धार्थ तिवारी ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है. गोवंश को जिस तरह से गहरी खाई में धकेला गया है, उसको लेकर सरकार पर एफआईआऱ होनी चाहिए. मुख्यमंत्री पर एफआईआऱ होनी चाहिए. क्या अब मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और देश के गृह मंत्री अमित शाह शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ एफआईआऱ करेंगे.
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