अहमदाबाद. पुरी के अलावा गुजरात के अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा प्रतिवर्ष बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ निकली जाती है. इस साल अहमदाबाद में नए रथ पर भगवान को विराजमान करने की तैयारी चल रही है. 72 साल बाद रथ को नया बनाया जा रहा है. इससे पहले 1950 में नया राजा तैयार किया गया था.

इस साल नए रथ पर भगवान की नगर यात्रा निकालने की तैयारियां जोरो पर हैं. मंदिर के ट्रस्टी महेन्द्र झा ने बताया कि रथयात्रा 20 जून को आषाढ़ दूज के दिन निकाली जाएगी. उन्होंने बताया कि करीब 72 साल बाद नये रथ का निर्माण किया जा रहा है. नया रथ इस प्रकार का बनाया जा रहा है, जिससे वह आगामी 80 वर्षों तक चल सके.

नया रथ ले रहा है आकार

मंदिर की परंपरा के अनुसार नए रथ को आकार दिया गया है. इसके लिए सागवान और शीशम की लकड़ी का इस्तेमाल किया गया है. यह लकड़ी डांग जिले के वघई से मंगवाई गई है. रथ निर्माण पर करीब 5 कारीगर पिछले करीब 4 महीने से काम कर रहे हैं. पुराने रथ से नए तीनों रथों में थोड़ा बदलाव है. इसमें प्रथम रथ की डिजाइन में देवी-देवताओं की मूर्तियों और सुदर्शन चक्र की थीम पर बनाया जा रहा है. दूसरा रथ सुभद्राजी का लाल और पीले रंग के साथ नवदुर्गा की थीम पर बनाया जाएगा. तीसरा, बलभद्रजी के रथ चार अश्व की थीम पर बनाया जाएगा.

400 साल पुराना है ये मंदिर

अहमदाबाद की रथयात्रा अपने आप में काफी खास है क्‍योंकि ये सांप्रदायिक भावना का प्रतीक है. रथयात्रा शुरू होने से पहले भगवान को खास खिचड़ी का भोग लगाया जाता है और फिर इस भोग को भक्तों में बांट दिया जाता है. भगवान जगन्नाथ , उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के रथ अहमदाबाद के जमालपुर इलाके में 400 साल पुराने जगन्नाथ मंदिर से वार्षिक यात्रा शुरू करते है। रथ यात्रा आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि से शुरू होती हैं. ये उत्सव पूरे 10 दिनों तक मनाया जाता है. रथयात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की प्रतिमाओं को तीन अलग-अलग दिव्य रथों पर नगर भ्रमण कराया जाता है.