कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने शस्त्र लाइसेंस निलंबन से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई है, कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा है कि “बुद्धि का उपयोग किए बिना आदेश पारित किए जा रहे हैं” न्यायालय ने संभाग आयुक्त को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहते हुए 1 फरवरी को तलब किया है।
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दरअसल ग्वालियर के रहने वाली मुन्नी देवी गुर्जर का शस्त्र लाइसेंस 7 साल पहले तत्कालीन कलेक्टर ने निलंबित कर दिया था। इस आदेश के खिलाफ संभागीय कमिश्नर ऑफिस में अपील की गई। लेकिन वहां से भी महिला को राहत नहीं मिली, जिसके बाद मुन्नी देवी गुर्जर ने हाई कोर्ट में याचिका दायर करते हुए कलेक्टर के आदेश को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रशासन की ओर से कोर्ट को बताया गया कि महिला के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है। साथ ही महिला का पति शास्त्र का उपयोग करता है, इन तथ्यों के आधार पर निलंबन की कार्रवाई की गई।
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इधर कोर्ट ने जब सरकारी वकील से पूछा कि क्या महिला को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया ? या सुनवाई के लिए अवसर दिया गया? तो सरकारी वकील संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। इस पर कोर्ट ने संभाग आयुक्त दीपक सिंह को 1 फरवरी को तलब किया, साथ ही टिप्पणी करते हुए कहा है की “बुद्धि का उपयोग किए बिना आदेश पारित किया जा रहे हैं जो कि न्याय संगत नहीं है”, ऐसे में आगामी सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से संभाग आयुक्त दीपक सिंह को उपस्थित रहना होगा।
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