दिल्ली. पंजाब के कुराली शहर में फौज अधिकारी द्वारा खुद को कार सहित अगवा होने संबंधी अधिकारियों को दी सूचना से पुलिस में हड़कंप मच गया। इसी दौरान पुलिस ने शनिवार दोपहर गांव बनमाजरा में लगाए नाके के दौरान फौज अधिकारी को कार सहित बरामद कर लिया।
इसके बाद मामला झूठा होने के कारण रोपड़ जिले के गांव बनमाजरा के थाने की पुलिस ने फौजी अधिकारी के खिलाफ धारा 182 के तहत केस दर्ज कर लिया।
जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में तैनात 22 सिख रजिमेंट का कैप्टन विशाल सोलंकी शुक्रवार रात कसौल से चंडीगढ़ वापस आ रहा था। इसी दौरान कैप्टन सोलंकी ने फौज के अधिकारियों को फोन पर मैसेज करके सूचना दी कि उसको चंडीगढ़ के रास्ते में कार सहित अगवा कर लिया गया है। सूचना मिलते ही फौज के उच्च अधिकारियों द्वारा आईबी को सूचित किया गया और आईबी ने इस संबंधी पंजाब, हरियाणा और हिमाचल तीन राज्यों की पुलिस को अलर्ट कर दिया। अलर्ट होते ही नाकाबंदी की गई।
सिंघभगवंतपुरा पुलिस ने गांव बनमाजरा में शनिवार को लगाए नाके के दौरान जब रूपनगर की ओर से आती एक कार को रोककर तलाशी ली तो उसमें से कैप्टन सोलंकी को बरामद कर बाकी कार सवारों को हिरासत में ले लिया। एसएचओ सिंघभगवंतपुरा जगजीत सिंह ने बताया कि कैप्टन सोलंकी और कार में सवारों की पूछताछ करने पर सामने आया कि वापस आते समय फौजी अधिकारी की कार किसी अन्य कार से टकरा गई।
हादसे के बाद कैप्टन सोलंकी ने दूसरी गाड़ी के हुए नुकसान की बनती राशि चंडीगढ़ जाकर देने की बात कही। कैप्टन सोलंकी से पैसे लेने तथा उसके भाग निकलने की कोशिश को खत्म करने के लिए ही फैसला किया गया कि कैप्टन सोलंकी की गाड़ी में दूसरी कार सवार साथ बैठेंगे। इसी दौरान उसने बचाव के लिए फौजी अधिकारी को झूठा मैसेज कर दिया।
एसएचओ जगजीत सिंह ने बताया कि लोकेशन मिलते ही उनको काबू कर लिया गया। हालांकि सच्चाई सामने आने के बाद कैप्टन विशाल सोलंकी के खिलाफ पुलिस ने झूठी सूचना देने पर धारा 182 तहत केस दर्ज कर लिया है। इस संबंधी केस तैयार करके अदालत में पेश किया जाएगा।