बिलासपुर। अरपा नदी के किनारे रोड निर्माण के लिए बिलासपुर स्मार्ट सिटी द्वारा आमंत्रित निविदा को लेकर चल रहे विवाद का हाईकोर्ट ने खात्मा कर दिया है. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में प्रकाश एस्फाल्टिंग की याचिका स्वीकार करते हुए कहा कंपनी को गलत तरीके के डिसक्वालिफाई कर नए सिरे से निविदा निकाली गई है. इससे प्रकाश एसफाल्टिंग को टंडर मिलना तय हो गया है.

अरपा नदी के किनारे रोड निर्माण के लिए जारी टेंडर पर पनपे विवाद पर चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन व जस्टिस पीपी साहू की युगल खंडपीठ में सुनवाई हुई. मामले को सुनने के बाद कोर्ट ने पूर्व में फैसला सुरक्षित रखा था. शुक्रवार को जारी फैसले में हाईकोर्ट ने रायपुर कंस्ट्रक्शन की याचिकाओं को खारिज कर दिया, वहीं प्रकाश एस्फाल्टिंग की याचिकाएं स्वीकार कर ली.

हाईकोर्ट ने रायपुर कंस्ट्रक्शन को स्मार्ट सिटी द्वारा अपात्र करने के निर्णय को सही पाया. कंपनी का मानना था कि कंपनी ने जो आवश्यक तथ्य छुपाए थे, उसे बताना चाहिए था. टेंडर के नियम में ठेका कंपनियों को अपने चल रहे काम को बताना शामिल था, लेकिन रायपुर कंस्ट्रक्शन रायपुर ने स्मार्ट सिटी के अंतर्गत लिए काम की जानकारी नहीं दी थी. 

इंदिरा सेतु से शनिचरी रपटा तक होगा सड़क निर्माण

अरपा के दोनों किनारे इंदिरा सेतु से शनिचरी रपटा तक 1800-1800 मीटर सड़क और नाली निर्माण की महत्वाकांक्षी योजना के लिए टेंडर जारी हुआ था। हाईकोर्ट में याचिका दायर होने के बाद इसमें टेंडर के एल-1 और एल-2 की समीक्षा के बाद टेंडर कमेटी टेंडर फाइनल करने से पीछे हट गई. नदी किनारे सड़क निर्माण के लिए तिलकनगर से गोंड़पारा, शनिचरी तक 500 परिवारों को बेदखल किया जा चुका है.

शीघ्र शुरू होगा नाली और सड़क का निर्माण

स्मार्ट सिटी के अधिकारी ने बताया कि इंदिरा सेतु से शनिचरी रपटा तक नदी के दोनों किनारे 1800-1800 मीटर सड़क एवं नाली निर्माण शीघ्र प्रारंभ होगा. सरकंडा की ओर फोरलेन रोड के लिए 45.16 करोड़ तथा इंदिरा सेतु से शनिचरी रपटा तक सिक्सलेन रोड के लिए 49.44 करोड़ का.टेंडर बुलाया गया. कोर्ट के आदेश के बाद अब प्रकाश एस्फाल्टिंग का दोनों टेंडर मान्य हो गया है.