4 मई से प्रारंभ “मुख्यमंत्री दौरा” छत्तीसगढ़ राज्य के राजनीतिक पृष्ठभूमि में कांग्रेस सरकार के तीन साल के कार्यकाल के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण विश्लेषणात्मक मूल्यांकन दौरा है। राजनीतिक दृष्टिकोण में भले ही यह एक सियासी रणनीति की भांति प्रतीत हो रही हो, परंतु वास्तविक संदर्भ में इसके मायने लोक कल्याणकारी परिप्रेक्ष्य में बहुत उपयोगी है।

राज्य के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 4 मई से राज्य के सभी 90 विधानसभाओं के ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा प्रारंभ कर दिया है, जिसमें वह प्रशासनिक कार्यों का निरीक्षण करेंगे एवं मूलभूत प्राथमिक आवश्यकताओं की प्रतिपूर्ति का जायजा लेंगे। इस पूरे कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री गांव में चौपाल लगाकर स्वयं जनता से बातचीत कर रहे हैं और उनकी समस्याएं सुन रहे हैं। मुख्यमंत्री के दौरे की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रशासनिक कार्य में लापरवाही बरतने पर जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता को तुरंत निलंबित कर दिया गया और पीड़ितों को नियत समय पर मुआवजा उपलब्ध कराने के निर्देश दिया गया।

यश्विनी भारद्वाज
छात्रा, एम.ए.राजनीति विज्ञान
गुरु घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर, छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ राज्य अपने मूल स्वरूप में अभी भी ग्रामीण परिपाटी से बंधा हुआ है, जहां नागरिक अपनी सामाजिक सांस्कृतिक मूल्यों का सम्मान करते हैं। ऐसे में सरकार द्वारा उनके सामाजिक जीवन स्तर को ऊंचा उठाने की दिशा में किए गए तमाम प्रयास निश्चित ही विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। सरकार द्वारा किए गए सभी प्रयास जिस प्रकार आम नागरिकों की बुनियादी आवश्यकताओं को पूर्ण कर उनके जीवन स्तर को बढ़ाने में उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं, वहीं जनता का सरकार के प्रति विश्वास भी निश्चित ही बढ़ता जा रहा है। विद्यालय से लेकर विश्वविद्यालय स्तर, ग्रामीण से लेकर शहरी परिवेश तक सरकार की सभी बहुमुखी योजनाएं राज्य के चौमुखी विकास की तरफ रुख कर कर रही है, ऐसे में स्वयं मुख्यमंत्री द्वारा योजनाओं का जमीनी स्तर पर मूल्यांकन जनता में सरकार के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण उत्पन्न कर रहा है।

मुख्यमंत्री द्वारा ministry@the door step की पहल करते हुए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचना, प्रत्येक जनता से उनकी आवश्यकताओं,आकांक्षाओं को जानना उनकी प्रतिपूर्ति के लिए सरकार द्वारा बनाए गए विभिन्न योजनाओं के संदर्भ में समीक्षात्मक रूप से फीडबैक लेना, यह सारे कार्य सरकार और जनता के मध्य प्रशासन को सुचारू रूप से चलाने हेतु एक मजबूत कड़ी साबित होगी।

विद्यार्थियों हेतु परीक्षा के उत्कृष्ण परिणाम पर उनके आत्मविश्वास को और बढ़ाने हेलीकॉप्टर राइड की घोषणा, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर को सुदृढ़ करते हुए पुरुष एवं महिलाओं में समानता दर्शाते गौठान योजना के साथ महिला स्वसहायता समूह को हरसंभव तरीके से सहायता करना। बुजुर्गों की मुफ्त इलाज के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सालयों में सियान जतन क्लीनिक का आयोजन जैसी योजनाएं निश्चित रूप से सरकार द्वारा अपने नागरिकों के प्रति जिम्मेदारी को दर्शाती है। ऐसी कई योजनाएं हैं, जिसे सरकार ने पूरे राज्य में क्रियान्वित किया है, उसकी मुख्यमंत्री द्वारा समीक्षा से प्रशासन के कामकाज में गति आएगी। यह प्रशासनिक विभाग एवं उनके अधिकारियों के लिए एक परीक्षा के समान है, जहां उनके कार्यों का मूल्यांकन किया जा रहा है।

एक आम नागरिक के नजरिए से देखा जाए तो सरकार का यह कदम उनके लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है। क्योंकि जिन सरकारी दफ्तरों में आम आदमी अपने जीवन के जरूरी काम के लिए महीनों घिसता है उन क्रियाकलापों को मिनटों में उनके समक्ष पूर्ण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने अपने शुरुआती दो दिन के दौरे में कई सरकारी दफ्तरों का निरीक्षण और सख्त कदम भी उठाए। जिसमें निलंबन से लेकर मुआवजे संबंधी घोषणाएं शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने अपने एक व्याख्यान में इस तर्क पर जोर दिया कि किसी भी प्रशासनिक व्यवस्था में अधिकारियों की कार्यकुशलता, व्यवहार और लोगों के साथ संपर्क शासन की छवि का निर्धारण करता है, जोकि एक प्रशासक द्वारा एक कुशल प्रशासन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री का यह कदम राज्य के नागरिकों में सरकार के प्रति अपनत्व का भाव बढ़ा रहा है। जनता का सरकार के समक्ष प्रतिनिधित्व बढ़ाना उन्हें सरकार के प्रति सकारात्मक रूप से आकर्षित कर रहा है। लोग अपनी समस्याओं को सार्वजनिक रूप से मुख्यमंत्री के समक्ष रख रहे हैं। लोगों को भरोसा हो रहा है कि सरकार का जनता के प्रति जो प्राथमिक जवाबदेही है, उसे वह स्वयं उनके बीच आकर पूरा कर रहे हैं।

शासन व्यवस्था की सार्थकता उनके द्वारा बनाए गए सूत्र नीतियों और योजनाओं से नहीं बल्कि उन नीतियों और योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से सिद्ध होती है। इस दिशा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक सशक्त रणनीति बनाकर उसका बहुत ही प्रभावी क्रियान्वयन प्रारंभ किया है। यह कदम निश्चय ही एक तीर से दो निशान अर्थ को सार्थक कर रहा है कि सरकार अपने राजनीतिक उद्देश्य को जनता का कल्याण करते हुए पूर्ण कर रही है।