रायपुर. एशिया आर्ट फेस्टिवल के निदेशक ईशान भल्ला ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से रायपुर में मुलाकात की. एशिया आर्ट फेस्टिवल (एएएफ) भारतीय कलाकारों को वैश्विक मंच प्रदान करने के लिए शुरू की गई पहल है. फेस्टिवल का आयोजन मार्च के महीने में कराने की प्लानिंग की गई है. यह कला, शिल्प, रंगमंच, नृत्य और संगीत जैसे असंख्य रचनात्मक क्षेत्रों का संगम है. इस आयोजन का उद्देश्य हमारे देश के युवा कलाकारों की इनोवेशन की भावना को प्रोत्साहित करना और भारतीय अर्थव्यवस्था में उभरते अवसरों और चुनौतियों की ओर ध्यान केंद्रित करना है.

 एशिया आर्ट फेस्टिवल हमारी बहुमूल्य विरासत को संरक्षित करने और उभरते कलाकारों को एक बड़ा मंच प्रदान कर प्रोत्साहित करने का एक प्रयास है. एएएफ का उद्देश्य भारतीय कपड़ा क्षेत्र के कलाकारों, शिल्पकारों, कारीगरों को सशक्त बनाना और निर्माता और खरीदार के बीच की खाई को पाटने की दिशा में काम करना और भारत में बने उत्पाद के इस्तेमाल को लेकर गर्व की भावना पैदा करना है, जिससे भारतीय कला और शिल्प उद्योग को बढ़ावा मिल सके जो कि कोविड-19 महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुआ है.

भारतीय कला और कलाकारों को आगे बढ़ाने के अलावा, यह महोत्सव भारत में कला के व्यवसाय को आगे बढ़ाने और विविध पृष्ठभूमि के कलाकारों के लिए एक वैश्विक मंच बनाने के मिशन के साथ संचालित होता है. इसका उद्देश्य सरकारी योजनाओं, प्रयोजन और प्रत्यक्ष निवेश जैसे संसाधनों को जुटाकर कला की शिक्षा के बारे में जागरूकता पैदा करना और सार्वजनिक भागीदारी बढ़ाना है.

एशिया आर्ट फेस्टिवल के निदेशक ईशान भल्ला से मुलाकात के दौरान छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा “मैं आपको इस पहल के लिए बधाई देता हूं और छत्तीसगढ़ की राजधानी में एशिया कला महोत्सव 2022 की मेजबानी करके हम सम्मानित महसूस कर रहे हैं.”

एशिया आर्ट फेस्टिवल के निदेशक ईशान भल्ला ने कहा “एएएफ में हम प्रौद्योगिकी में निवेश कर रहे हैं और कुछ अनोखा और असाधारण लेकर आ रहे हैं. सरकार द्वारा सलाह दी गई सभी सावधानियों को ध्यान में रखते हुए सब कुछ किया जा रहा है. इस मंच का महत्व इससे जुड़ी गुडविल है. कलाकारों को बिजनेस दिलाने के अलावा, कला को कई चैरिटी के लिए धन जुटाने और सामाजिक प्रभाव पैदा करने के लिए भी किया जा सकता है. छत्तीसगढ़ और विशेष रूप से रायपुर देश का सबसे तेजी से विकासशील शहर है. मैं वास्तव में यहां के लोगों के सांस्कृतिक पैनोरमा से प्रेरित हूं.

छत्तीसगढ़ के दर्शक हैं बहुत गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए तैयार रहते हैं. छत्तीसगढ़ आने वाले वर्षों में भारत की नई रचनात्मक राजधानी बनने जा रहा है. कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न हुई दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति को देखते हुए पूरे महोत्सव को नए तरीके से आयोजित किया जा रहा है है, क्योंकि हम मानते हैं कि कला के व्यवसाय को हमेशा जारी रहना चाहिए. वर्तमान में जब कला में बहुत अधिक व्यपार नहीं हैं तो कलाकारों के लिए एक मॉडल बनाना और साथ-साथ सामाजिक प्रभाव पैदा करना वास्तव में एक चुनौती है. ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ का विचार सराहनिय है और हम यह समझते हैं कि परिवर्तन स्वयं के अंदर शुरू होता है. हम दृढ़ता से मानते हैं कि वर्तमान समय बेहतर और टिकाऊ भविष्य की दिशा में सचेत प्रयास करने और सोच रखने की मांग करता है. माननीय मुख्यमंत्री जी से मिलकर मुझे अपार प्रसन्नता हुई. हमने छत्तीसगढ़ में कला के व्यवसाय, भविष्य की संभावनाओं और बढ़ते कला बाजार के बारे में चर्चा की. ”