Nail Breaking Astrology Reason: नाखूनों का बार-बार टूटना केवल एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या नहीं है, बल्कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह ग्रहों के अशुभ प्रभाव का संकेत भी हो सकता है. शनि, राहु, चंद्र और शुक्र जैसे ग्रह यदि कुंडली में कमजोर, पीड़ित या अशुभ स्थिति में हों, तो वे शरीर के अंगों, विशेषकर नाखूनों पर विपरीत असर डाल सकते हैं.
खासकर शनि को नाखूनों का प्रमुख कारक माना जाता है. यदि बार-बार नाखून टूटते हैं या कमजोर रहते हैं, तो यह शनि या लग्नेश ग्रह के दोष का संकेत हो सकता है.
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संभावित ज्योतिषीय संकेत (Nail Breaking Astrology Reason)
1. शनि का अशुभ प्रभाव: शनि ग्रह शरीर के अंगों, हड्डियों और नाखूनों से संबंधित होता है. यदि शनि कुंडली में पीड़ित हो (जैसे राहु/केतु से ग्रस्त, नीच राशि में या अशुभ स्थान में स्थित), तो नाखून कमजोर हो सकते हैं और बार-बार टूट सकते हैं.
2. राहु का प्रभाव: राहु भ्रम, विष, छाया और कीटजन्य रोगों का कारक है. यदि राहु नख या त्वचा संबंधित भावों — जैसे छठा, आठवां या बारहवां भाव — में स्थित हो या उन पर अशुभ दृष्टि डाल रहा हो, तो यह बार-बार नाखून टूटने की स्थिति उत्पन्न कर सकता है.
3. चंद्र और शुक्र की कमजोरी: चंद्रमा त्वचा, जल तत्व और मानसिक स्थिति से जुड़ा होता है, जबकि शुक्र सौंदर्य, त्वचा, नाखून और केश आदि का प्रतिनिधित्व करता है. इन ग्रहों की दशा, बल या गोचर में कमजोरी नाखूनों को कमजोर बना सकती है.
सामान्य उपाय (Nail Breaking Astrology Reason)
- शनिवार को शनि देव की पूजा करें और काले तिल व सरसों के तेल से दीपक जलाएं.
- नीले या काले वस्त्र शनिवार को दान करें.
- नाखूनों की नियमित देखभाल करें और आयरन व बायोटिन युक्त आहार लें.
- चंद्रमा की शांति के लिए सोमवार को रुद्राभिषेक करें या शिव पूजन करें.
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