नई दिल्ली . दिल्ली संवाद एवं विकास आयोग (DDCD) के सदस्यों की नियुक्ति को लेकर सरकार और LG के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है. उपराज्यपाल के निर्देश पर सेवा विभाग की ओर से बीते गुरुवार को DDCD के गैर आधिकारिक सदस्यों को हटाने वाले आदेश को मंगलवार को सरकार ने खारिज कर दिया. योजना विभाग की मंत्री आतिशी ने कहा कि आदेश अमान्य है, इसलिए गैर अधिकारिक सदस्य अपनी भूमिका में बने रहेंगे.

आतिशी ने कहा कि बीते 27 जून को डीडीसीडी के गैर आधिकारिक सदस्य अस्वाथि मुरलीधरन, गोपाल मोहन और विजय चंद्रा को लेकर जारी आदेश की मुझे कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है. मीडिया में खबरों के जरिए मुझे पता चला कि LG की मंजूरी के बाद सेवा विभाग ने 3 सदस्यों को हटाया गया है. मगर यह स्पष्ट है कि यह आदेश नियमों और संविधान के खिलाफ जाकर जारी किया गया है. आतिशी ने आदेश में वर्ष 2015 के एक कैबिनेट फैसले का हवाला देते हुए कहा कि डीडीसीडी में तैनात इन सदस्यों को हटाने व लगाने का अधिकार सिर्फ मुख्यमंत्री के पास है. यह गैर आधिकारिक सदस्य को-टर्मिनस नियुक्ति है, मसलन जब तक मौजूदा मुख्यमंत्री है वह पद पर बने रहेंगे.

कैबिनेट के फैसले को LG ने दी थी मंजूरी

आतिशी ने कहा कि डीडीसीडी में तैनात इन सदस्यों को हटाने और लगाने का अधिकार मुख्यमंत्री के पास है. कैबिनेट के इस फैसले को तत्कालीन एलजी ने मंजूरी भी दी थी. इसके बाद भी सेवा विभाग ने नियमों के खिलाफ जाकर गैर अधिकारिक सदस्यों को हटाने का आदेश दिया है. उन्होंने कहा कि डीडीसीडी का गठन चुनी हुई सरकार ने किया है.