नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि वाहन के डीलर को भी वाहन ‘स्क्रैपिंग’ सुविधाएं खोलनी चाहिए. पांचवें ‘ऑटो रिटेल कॉन्क्लेव’ को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि सरकार एक सर्कुलर अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित कर रही है. इससे सरकार डीलर को वाहन ‘स्क्रैपिंग’ सुविधाएं शुरू करने की अनुमति देगी.

उन्होंने कहा कि भारत वैकल्पिक ईंधन तथा जैव ईंधन के इस्तेमाल को प्रोत्साहित कर रहा है. सरकार भारत को हरित हाइड्रोजन का सबसे बड़ा निर्माता बनाने के लिए काम कर रही है. मंत्री ने बताया कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है. वाहन डीलर भारत को 5000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.

स्क्रैपिंग सेंटरों की नहीं हो रही स्थापना

गडकरी का यह कहना इसलिए अहम है, क्योंकि लगभग दो साल के इंतजार के बाद अमल में आई वाहन स्क्रैपिंग नीति इसलिए आगे नहीं बढ़ पा रही है, क्योंकि वाहन स्क्रैपिंग केंद्रों की स्थापना ही नहीं हो पा रही है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2021 में राष्ट्रीय वाहन स्क्रैपिंग नीति की शुरुआत की थी. इसका उद्देश्य अनफिट और प्रदूषणकारी वाहनों को प्रचलन से बाहर करना और सर्कुलर इकोनमी को बढ़ावा देना है.

बढ़ेगी वाहनों की बिक्री

मंत्री जी ने आगे कहा कि वाहन स्क्रैपिंग नीति से ऑटोमोबाइल की बिक्री 18 प्रतिशत बढ़ जाएगी. उनका मानना है कि कबाड़ हुए वाहनों से मिले कच्चे माल का इस्तेमाल करने से कच्चे माल की खरीद पर 33 प्रतिशत लागत की बचत होगी और नए वाहनों की बिक्री में 18-20 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी. साथ ही उनका मानना है कि यह नीति भारत को वैश्विक ऑटोमोबाइल मैन्युफेक्चरिंग केंद्र बनाने में अहम भूमिका निभाएगी.

कम होगा प्रदूषण

अगस्त 2021 में पहली बार पेश की गई वाहन स्क्रैपेज नीति, वाहन प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए पूरे भारत में पुराने और अनफिट वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने पर केंद्रित है. क्योंकि ऐसा माना जाता है कि पुराने वाहन नए मॉडलों की तुलना में पर्यावरण को ज्यादा प्रदूषित करते हैं. इस नीति का मकसद 20 वर्ष से ज्यादा पुरानी निजी कारों और 15 वर्ष से ज्यादा पुराने कमर्शियल व्हीकल्स (वाणिज्यिक वाहनों) का पंजीकरण रद्द करना है.

फिटनेस टेस्टिंग सेंटर बहुत अहम

सरकार की स्क्रैपिंग नीति की सफलता के लिए फिटनेस टेस्टिंग सेंटर बहुत अहम हैं, क्योंकि इनके बिना वाहनों की यह सटीक जांच की ही नहीं जा सकती कि वे चलने योग्य रह गए हैं या नहीं. फिटनेस जांच की मौजूदा मैनुअल प्रणाली में धांधली की पूरी संभावना होती है. इसीलिए सरकार ने आटोमेटेड फिटनेस टेस्टिंग सेंटरों से वाहनों की अनिवार्य जांच की बात कही है. उधर, गडकरी ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि डीजल चालित वाहनों पर अतिरिक्त कर लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है.

छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक 
English में खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें