कुमार इंदर, जबलपुर। पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर की हिंसा से बिगड़ती स्थिति और मोहन भागवत के बयान पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मणिपुर में कई महीनों से जारी हिंसा को रोकने में सरकार नाकाम रही है। जबलपुर में पत्रकारों के सवाल के जवाब पर शंकराचार्य ने कहा कि हिंसा हो रही है या करवाई जा रही ये सरकार को बताना चाहिए।  

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अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि देश की जनता आशा करती थी की, अगर कहीं इस तरह की हिंसा भड़कती है तो सरकार उसे रोके। वहीं मोहन भागवत के 2024 में वोट के लिए भावनाएं भड़काने के बयान पर शंकराचार्य बोले कि जो लोग इस तरह से भावनाएं भड़का रहे है सरकार उनको सामने लेकर आए। इसके अलावा प्रदेश में शराब बंदी को लेकर उमा भारती के बयान पर शंकराचार्य ने कहा कि उमा भारती जो बात कह रही, उससे कोई इंकार नहीं कर सकता। उनकी बात पर गंभीरता पूर्वक विचार किया जाना चाहिए। 

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क्या कहा था भागवत ने ?

संघ प्रमुख ने पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर की बिगड़ती स्थिति पर हैरानी जाहिर करते हुए सवाल किए, ‘लगभग एक दशक से शांत मणिपुर में अचानक यह आपसी फूट की आग कैसे लग गई? क्या हिंसा करने वाले लोगों में सीमा पार के अतिवादी भी थे? अपने अस्तित्व के भविष्य के प्रति आशंकित मणिपुरी मैतेयी समाज और कुकी समाज के इस आपसी संघर्ष को सांप्रदायिक रूप देने का प्रयास क्यों और किसके द्वारा हुआ?’ उन्होंने लोगों को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भावनाएं भड़काकर वोट हासिल करने की कोशिशों के प्रति आगाह किया। आरएसएस प्रमुख ने लोगों से देश की एकता, अखंडता, पहचान और विकास को ध्यान में रखते हुए मतदान करने का आह्वान किया।

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