अयोध्या. “भए प्रकट कृपाला, दीन दयाला, कौशल्या हितकारी” के बीच अयोध्या में दोपहर में भगवान राम का ‘जन्म’ होगा. राम लला के शिशु रूप को ‘इत्र’ और दूध से नहलाया जाएगा और ‘अभिषेक’ अनुष्ठान की देखरेख संतों और संतों द्वारा की जाएगी.

 एक पुजारी ने कहा कि भगवान की ‘आरती’ की जाएगी और उन्हें 56 प्रकार के व्यंजन ‘प्रसाद’ अर्पित किया जाएगा. प्रसाद में 2.5 क्विंटल ‘पंजीरी’, पांच क्विंटल ‘लड्डू’ और सूखे मेवे और फल भी शामिल होंगे, और इन सभी चीजों को भक्तों को प्रसाद के रूप में वितरित किया जाएगा. यह महामारी के बाद यह पहली रामनवमी है, जब राम मंदिर का निर्माण जोरों पर है, त्योहार बड़े पैमाने पर मनाया जा रहा है.

इस आयोजन को चिह्न्ति करने के लिए अयोध्या में विभिन्न मंदिरों को सजाया और रोशन किया गया है और राज्य के भीतर और बाहर से भक्तों की भीड़ भी बढ़ गई है. राम नवमी चैत्र नवरात्र के नौवें दिन मनाई जाती है. यह भगवान राम के जन्म का प्रतीक है, जिन्हें भगवान विष्णु का सातवां अवतार भी कहा जाता है.