अयोध्या। मंदिर शहर को विकसित करने की सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत पवित्र शहर अयोध्या 2023 तक बिजली के तारों से मुक्त हो जाएगा. अंडरग्राउंड केबल बिछाने की प्रक्रिया लगभग 50 फीसदी पूरी हो चुकी है. यह परियोजना बिजली मंत्रालय, NTPC टांडा और अयोध्या जिला प्रशासन की ‘उज्‍जवल भारत, उज्‍जवल भविष्य पावर 2047’ योजना के तहत 60 करोड़ रुपये के परिव्यय से शुरू की गई थी.

कार्यकारी अभियंता बिजली विभाग, प्रदीप कुमार वर्मा ने कहा कि “अब तक, हमने लगभग 50 प्रतिशत भूमिगत केबल बिछाई है. हमने जून 2021 में एकीकृत बिजली विकास योजना (IPDS) योजना के तहत परियोजना शुरू की और जून 2023 तक इसे पूरा करने की उम्मीद है”.

अक्टूबर तक संबंधित कार्य पूर्ण होने की संभावना

विभाग ने दावा किया है कि अक्टूबर तक एरियल बंडल केबल (ABC) से संबंधित काम पूरा कर लिया जाएगा. इसके अलावा अयोध्या में उजाला योजना के तहत अब तक 3.81 लाख LED लाइटें बांटी जा चुकी हैं. जिससे बिजली की मांग में 20.22 मेगावाट की कमी आई है. इससे विभाग ने 19 लाख रुपये की बचत की है. वर्मा ने आगे कहा कि “सौभाग्य योजना के पहले चरण में 61.80 करोड़ रुपये की लागत से अंडरग्राउंड केबलिंग के अलावा 2,556 गांवों का विद्युतीकरण किया जा चुका है”.

विद्युतिकरण से कई परिवार लाभान्वित

इसके तहत 1.02 लाख घरों को बिजली कनेक्शन दिया गया है. कुल परिवारों में से 37,239 BPL परिवार भी इस योजना से लाभान्वित हुए हैं. इसके अलावा सौभाग्य योजना फेज-2 के तहत 10.27 करोड़ रुपये की लागत से 147 गांवों में 13,260 घरों को बिजली कनेक्शन दिया गया है. इनमें 807 BPL परिवारों को शामिल किया गया है.

इसे भी पढ़ें :