चंडीगढ़। साध्वी के साथ रेप मामले में फंसे बाबा राम रहीम के खिलाफ विशेष सीबीआई कोर्ट ने शुक्रवार को अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने राम रहीम को दुष्कर्म का दोषी करार दिया है. सजा का ऐलान 28 अगस्त को किया जाएगा. कोर्ट से उन्हें सीधे जेल भेज दिया गया.

राम रहीम आज सिरसा से 400 से ज्यादा गाड़ियों के काफिले को लेकर पंचकुला के लिए निकले. लेकिन मात्र 2 ही गाड़ियों को पंचकुला आने दिया गया. तकरीबन 2 बजे बाबा पंचुकूला सीबीआई की विशेष कोर्ट में पहुंचे. उन्हें पीछे के दरवाजे से अंदर ले जाया गया. लगभग 2ः30 बजे के बाद सीबीआई की विशेष कोर्ट के जज जगदीप सिंह ने फैसला पढ़ना शुरु किया. इस दौरान कोर्ट में राम रहीम, वकीलों सहित केवल 7 लोगों को ही अंदर प्रवेश करने दिया गया था. फैसला सुनाने के पहले कोर्ट रुम में मौजूद सभी के मोबाइल फोन को बंद करवा दिया गया.

कोर्ट के फैसले को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे, किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों की 150 से ज्यादा कंपनियों को तैनात किया गया था, 15 हजार से ज्यादा जवान शहर के चप्पे-चप्पे पर तैनात हैं. वहीं हेलीकाप्टर व ड्रोन से पूरे इलाके में भी नजर रखी जा रही थी.

तनाव की स्थिति को देखते हुए  पंजाब हरियाणा और चंडीगढ़ में अगले 72 घंटे के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद करने का ऐलान किया गया है. इतना ही नहीं अगले 72 घंटे के लिए उत्तर रेलवे को पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ की तरफ आने वाली ट्रेनों को रोकने के निर्देश दिए गए हैं और दोनों राज्यों में बस सर्विस को भी बंद करने का आदेश दिया गया है.

हरियाणा के सिरसा में कर्फ्यू लगा दिया गया था. वहीं राज्य में धारा 144 लागू की गई थी उसके बावजदू उनके समर्थकों पर उसका कोई खास असर नहीं हुआ. लाखों की संख्या में डेरा समर्थक पंचकुला में जमे हुए थे. बाबा समर्थक अपने हाथों में डंडा, हाकी स्टीक और बेस बाल बैट जैसे सामान लेकर जगह-जगह पर खड़े थे.

मैसेंजर आफ गॉड को जेल, अंबाला जेल में बीतेगी रात

सीबीआई की स्पेशल कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद राम रहीम को अंबाला जेल ले जाया गया. भारी संख्या में सेना और अर्धसैनिक बलों की सुरक्षा के साथ राम रहीम को जेल ले जाया गया. सीबीआई कोर्ट 28 अगस्त को राम रहीम को सजा सुनाएगी.

क्या था मामला

साल 2002 में बाबा गुरमीत राम रहीम पर साध्वियों के यौन शोषण के आरोप लगे थे. इसके बाद इसकी जांच हाईकोर्ट ने सीबीआई को सौंप दी थी. एक साध्वी ने राम रहीम पर यौन शौषण का आरोप लगाते हुए एक पत्र मीडिया, पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, पीएम के नाम जारी किया था. इसके बाद हाई कोर्ट ने 24 सितंबर 2002 को सीबीआई को इस मामले की जांच का जिम्मा सौंपा था.