रायपुर। आज बैडमिंटन के स्टार कोच पुलेला गोपीचंद का जन्मदिन है. इनका जन्म 16 नवंबर 1973 को आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले के नगन्दला में हुआ था. इनके सिखाए खिलाड़ी आज देश-दुनिया में नाम रोशन कर रहे हैं.

ये देश के सबसे अच्छे बैडमिंटन कोच माने जाते हैं. उन्होंने एक बार कहा था कि जब कोई उनकी तारीफ करता है, तो वे खुश होते हैं, लेकिन जब कोई उनकी आलोचना करता है, तो उसे वे चुनौती के रूप में लेते हैं.

सायना और पीवी सिंधु जैसे खिलाड़ी दिए गोपीचंद ने

बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल और पीवी सिंधु के गुरू पुलेला गोपीचंद रहे हैं. दोनों खिलाड़ियों ने विश्व स्तर पर देश का नाम रोशन किया है. 2012 लंदन ओलिंपिक में सायना नेहवाल ने इतिहास रचते हुए बैडमिंटन में भारत के लिए पहला कांस्य पदक जीता था.

वहीं पीवी सिंधु ने भी रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता. इस उपलब्धि को हासिल करने वाली वे पहली भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं.

गोपीचंद की अकादमी से निकले हैं कई नामी खिलाड़ी

पुलेला गोपीचंद की अकादमी से न केवल सायना और सिंधु, बल्कि कई नामी खिलाड़ी निकले हैं. किदांबी श्रीकांत, पी कश्यप, गुरुसाई दत्त, तरुण कोना जैसे बैडमिंटन खिलाड़ी के गुरु गोपीचंद ही रहे हैं. पी कश्यप ने साल 2014 के ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक भी जीता था.

गोपीचंद की पत्नी भी हैं बैडमिंटन खिलाड़ी

पुलेला गोपीचंद की पत्नी पीवीवी लक्ष्मी भी पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी हैं. इनकी शादी 5 जून 2002 को हुई थी. लक्ष्मी भी आंध्र प्रदेश की ही रहने वाली हैं.

अपनी अकादमी खोलने के लिए किया था बेहद संघर्ष

पुलेला गोपीचंद को अपनी बैडमिंटन अकादमी खोलने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा था. उन्होंने आंध्र प्रदेश सरकार की मदद से अपनी इसके लिए 2003 में ज़मीन ली थी. उनकी अकादमी में 8 कोर्ट, एक स्वीमिंग पूल, वेट ट्रेनिंग रूम, कैफेटेरिया और आराम करने की जगह है. गोपीचंद ने अपनी कड़ी मेहनत के बल पर अपनी एकेडमी को शीर्ष पर पहुंचाया.

बता दें कि गोपीचंद ने अकादमी बनाने के लिए अपना घर तक गिरवी रख दिया था.

गोपीचंद ने जीते हैं कई चैंपियनशिप

गोपीचंद ने 1991 में इंटरनेशनल बैडमिंटन में अपनी शुरुआत की. उनके अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन करियर में उन्होंने तीन थॉमस कप टूर्नामेंट में देश का प्रतिनिधित्व किया. 1996 और 1997 में उन्होंने सार्क बैडमिन्टन टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता. राष्ट्रमंडल खेलों में उन्होंने टीम में एक रजत पदक और सिंगल्स में एक कांस्य पदक जीता था.

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 1997 में उन्होंने भारतीय ग्रांड प्रिक्स टूर्नामेंट में लगातार दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाडियों को हराया, हालांकि वे फाइनल मैच नहीं जीत सके थे.

पुलेला गोपीचंद ने साल 2001 में चीन के चेन होंग को हराकर ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप जीती थी. उन्होंने साल 1999 में स्कॉटिश ओपन और साल 2004 में इंडिया एशियन सैटेलाइट टूर्नामेंट भी जीता था. वे साल 1990 और 1991 में भारतीय संयुक्त विश्वविद्यालयों की बैडमिन्टन टीम के कप्तान थे.

गोपीचंद ने बैडमिंटन का प्रशिक्षण एस एम आरिफ से लिया था. इसके बाद वे प्रकाश पादुकोण की अकादमी में चले गए. उन्होंने एसएआई बैंगलुरू में गांगुली प्रसाद से भी बैडमिंटन की ट्रेनिंग ली.

गोपीचंद को मिले कई सम्मान

गोपीचंद को अर्जुन अवॉर्ड, राजीव गांधी खेल रत्न से लेकर द्रोणाचार्य अवॉर्ड तक से नवाजा जा चुका है.