रायपुर. आमतौर पर चुनाव के वक्त जो हंगामा और मारपीट होती है वो परिणाम घोषित होने के बाद खत्म हो जाती है. लेकिन बलौदाबाज़ार में मारपीट और हंगामा का जो सिलसिला परिणाम खत्म के बाद शुरु हुआ वो अब तक जारी है.

जिले के दो-दो विधायकों चंद्रदेव राय और शकुंतला साहू ने एक पूर्व विधायक जनकराम वर्मा के निष्कासन की मांग करके  मोर्चा खोल रखा है. दोनों विधायक कांग्रेस भवन में डटे रहे लेकिन उनके हंगामे की सूचना पाकर संगठन के पदाधिकारी नदारद हो गए.

दरअसल, बलौदाबाज़ार के जिला पंचायत का चुनाव किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं था. इस फिल्मी कहानी में सस्पैंस, ट्विस्ट, धोखा, हंगामा, मारपीट सब था. कांग्रेस दावा कर रही है कि अध्यक्ष उसका है. लेकिन जिले के विधायक, पदाधिकारी ये मानने को तैयार नहीं है कि अध्यक्ष उनका है.

दरअसल, यहां अलग-अलग नेताओं के बीच गुटीय लड़ाई अध्यक्ष के निर्वाचन के साथ सतह पर आ गई है. इस लड़ाई में एक पक्ष राकेश वर्मा और उनके पिता पूर्व विधायक जनक राम वर्मा है. तो दूसरे पक्ष में विधायक, पीसीसी के पदाधिकारी के साथ जिला पंचायत सदस्य शेख अलीमुद्दीन और तीसरे पक्ष में भाजपा है.

13 फरवरी को कांग्रेस की बैठक में सभी नेताओं ने तय किया कि शेख अलीमुद्दीन कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी होंगे. इस बैठक में ये भी तय हुआ कि जनकराम वर्मा के बेटे राकेश वर्मा उपाध्यक्ष होंगे. सूत्र बताते हैं कि राकेश वर्मा ने इस बीच भाजपा समर्थित सदस्यों से सांठगांठ कर ली और अध्यक्ष के लिए नामांकन दाखिल कर दिया. बदले में वे उन्होंने भाजपा समर्थित सदस्य को उपाध्यक्ष बनवाने में समर्थन देने का वादा किया.

जब चुनाव हुआ तो बहुमत के बाद भी कांग्रेस का अधिकृत उम्मीदवार हार गया. लेकिन यहां एक और ट्विस्ट हुआ. राकेश वर्मा के एक समर्थक ने उपाध्यक्ष के लिए कांग्रेस के उम्मीदवार को वोट दे दिया और कांग्रेस का उम्मीदवार जीत गया. भाजपा समर्थित सदस्यों ने जिस उपाध्यक्ष के पद के आसरे अध्यक्ष पद के लिए राकेश वर्मा को समर्थन दिया, उसे उसने गंवा दिया.

इस घटना के बाद पीसीसी ने रायपुर में ऐलान कर दिया कि वहां कांग्रेस जीती है.लेकिन बलौदाबाज़ार में नई महाभारत शुरु हो गई. सूत्र बताते हैं कि सबसे पहले अलीमुद्दीन के समर्थकों ने राकेश वर्मा और जनकराम वर्मा के समर्थकों के साथ मारपीट की. कुछ समय बाद अलीमुद्दीन के समर्थकों की पिटाई करके वर्मा एंड सन के समर्थकों ने बदला लिया.

लेकिन इस मामले में बुरी तरह पीट चुकी भाजपा ने जो कांग्रेसी मिला, उसकी पिटाई की. खबर है कि भाजपा के कार्यकर्ताओं ने विधानसभा चुनाव लड चुके एक दिग्गज कांग्रेसी की गाड़ी के शीशे तोड़ डाले. किसी तरह वो कांग्रेसी वहां से फरार हुआ.

इस बीच कांग्रेस के दोनों विधायक शकुंतला साहू और चंद्रदेव राय अपने समर्थकों के साथ रायपुर आ धमके. राजीव भवन में रात तक रुकने के बाद जब कोई पदाधिकारी उन्हें नहीं मिला तो उन लोगों ने शुक्रवार तक डटे रहने का फैसला किया है. यानि बलौदाबाज़ार का ड्रामा जारी है….