रायपुर। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रविंद्र चौबे और मोहम्मद अकबर ने इस साल बलौदाबाज़ार में  1 करोड़ 33 लाख घोटाले का आरोप लगाया है. एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए दोनों नेताओं ने कहा कि इससे पहले 60 करोड़ की धान की कमी आई थी. जबकि केवल  2 छोटे कर्मचारी पर कार्रवाई हुई थी.

इस मसले को लेकर बीजेपी के नेता शिवरतन शर्मा पर हमला करते हुए कांग्रेस नेताओं ने पूछा है कि शिवरतन शर्मा के क्षेत्र में हुए घोटाले में परिवहनकर्ता कौन है. लगातार हर साल भाटापारा- बलौदाबाजार इलाके में धान घोटाला क्यों हो रहा है.

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि अब तक राज्य में 1 हज़ार करोड़ का घोटाला हो चुका है.  कांग्रेस ने मांग की है कि भाटापारा मामले की जांच एसआईटी से कराई जाए. रविन्द्र चौबे ने कहा ने कहा कि धान खरीदी में घोटाला में सत्ता से जुड़े भी लोग भी शामिल हैं.

बलौदाबाजार भाटापारा जिले के धान घोटाले को पूर्व में उजागर करने वाले पूर्व मंत्री और एआईसीसी सदस्य मोहम्मद अकबर ने परिवहन के नाम पर धान गायब करने का मामला उजागर किया है. अकबर ने बताया कि बलौदाबाजार जिले के 86 समितियों के 148 धान उपार्जन केन्द्रों द्वारा खरीफ धान उपार्जन 2016-17 की अवधि में 555620.68 मेट्रिक टन की खरीदी की गई। इसमें से खरीदी केन्द्रों से 347834.7 मेट्रिक धान छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ(मार्कफेड) के धान संग्रहण केन्द्रों को भेजा गया। लेकिन इतना धान संग्रहण केन्द्रों में नहीं पहुंचा। राज्य सरकार की विभागीय वेबसाइट पर दर्शित जानकारी के मुताबिक धान संग्रहण केन्द्रों को 347158.08 मेट्रिक टन धान ही पहुंचा। इस तरह मेट्रिक टन धान गायब हो गया। जिसकी कीमत 1 करोड़ 33 लाख रुपए है।

मोहम्मद अकबर  ने आरोप लगाया है कि इस बार भी धान गायब करने वाले परिवहनकर्ताओं को बचाने जिला विपणन कार्यालय ने 665.99 मेट्रिक टन धान को प्राथमिक सोसायटी के खरीदी केन्द्रों में कमी के रुप में दर्शाए जाने का प्रयास किया जा रहा है।

प्राधिकृत अधिकारी ने अधिकारियों को लिखा पत्र

मोहम्मद अकबर ने बताया कि धान घोटाले के इस मामले में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक रायपुर के प्राधिकृत अधिकारी योगश चंद्राकर ने 21.03.2017 को प्रदेश शासन के मुख्य सचिव, सहकारिता विभाग के सचिव, पंजीयक सहकारी संस्थाएं, कलेक्टर बलौदाबाजार-भाटापारा व उप पंजीयन सहकारी संस्थाएं, बलौदाबाजार-भाटापारा जिला को पत्र लिखा है। इसमें योगश चंद्राकर ने बताया है कि खरीदी केन्द्रों द्वारा संग्रहण केन्द्रों को भेजे गए धान में परिवहनकर्ता से की जानी चाहिए। प्राधिकृत अधिकारी चंद्राकर ने यह भी उल्लेख किया है कि विगत वर्षों में भी जिला विपणन कार्यालय  द्वारा परिवहनकर्ता से बहुत कम मात्रा में वसूली कर धान की कमी को समिति स्तर की कमी के रुप में दर्शित कर समिति को क्षति पहुंचाई गई।