दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने नई दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर 31 अक्टूबर तक लगी रोक बरकरार रखी है. अब यहां 1 नवंबर 2017 से ही पटाखों की बिक्री हो सकेगी.

जस्टिस एके सिकरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री और भंडारण पर रोक हटाने का 12 सितंबर 2017 का आदेश एक नवंबर से दोबारा लागू होगा. हालांकि जन लोगों ने पटाखे खरीद लिए हैं, वे इसे जला सकेंगे. वहीं पटाखा कारोबारी दिल्ली-एनसीआर से बाहर अपने पटाखे बेच सकते हैं.

वहीं उच्चतम न्यायालय ने एक आठ सदस्यीय कमेटी बनाने का भी आदेश दिया है, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष करेंगे. इस कमेटी को दिल्ली में प्रदूषण पर अपनी रिपोर्ट 31 दिसंबर तक सौंपनी है.

पटाखा कारोबारियों में निराशा

इस फैसले ने पटाखा कारोबारियों के होश उड़ा दिए हैं. वहीं दीवाली के त्योहार को देखते हुए कुछ लोगों में भी मायूसी है. हालांकि कई लोग इस फैसले से राहत भी महसूस कर रहे हैं. क्योंकि पिछले साल दीवाली में पटाखों के कारण इतना प्रदूषण हुआ कि हफ्तों तक आसमान साफ नहीं दिख सका और आकाश में धुंध छाई रही. प्रदूषण के कारण मरीजों की मुश्किलें भी बढ़ गईं. वहीं स्कूलों को भी बंद रखना पड़ गया था. दिल्ली में उच्चतम स्तर पर पहुंचे प्रदूषण के बाद 11 नवंबर 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी थी.

बता दें कि इस बार दीवाली 19 अक्टूबर को है. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि पटाखों पर रोक लगाने से प्रदूषण के स्तर में कितना अंतर आता है, ये पता चलेगा. दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री और भंडारण पर रोक लगाने वाले नवंबर 2016 के आदेश को बरकरार रखते हुए ये फैसला सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया.

साथ ही इस प्रतिबंध को लागू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की तरफ़ से जारी किए गए सारे स्थायी और अस्थायी लाइसेंस तुरंत निलंबित करने के आदेश दिए हैं.

गौरतलब है कि पटाखों की बिक्री पर बैन की याचिका तीन बच्चों की ओर से दायर की गई थी. याचिकाकर्ता हरिप्रिया पद्मनाभन का कहना है कि इन बच्चों के फेफड़े दिल्ली में प्रदूषण के कारण ठीक से विकसित नहीं हो पाए हैं.