सुप्रिया पांडेय, रायपुर। राष्ट्रीयकृत बैंकों के निजीकरण के विरोध में बैंककर्मियों ने देशव्यापी दो दिवसीय हड़ताल कर रहे हैं. इसके समर्थन में छत्तीसगढ़ के भी बैंककर्मियों कामकाज ठप कर हड़ताल में बैठे हैं. बैंककर्मियों ने केन्द्र सरकार पर देश के तमाम राष्ट्रीयकृत बैकों को खत्म करने का आरोप लगाया है.

ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर कनफेडरेशन छत्तीसगढ़ राज्य इकाई सचिव गोपाल कृष्णा ने कहा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को अपने बजट में कहा था सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, इंश्योरेंस और एलआईसी में इक्विटी शेयर बेचना चाहते है. सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक को खत्म करना चाहती है. बैंक कर्मचारी और अधिकारी दो दिनों तक अपनी तनख्वाह कटवा कर हड़ताल पर बैठे हुए हैं.

वहीं छत्तीसगढ़ बैंक एंप्लाइज एसोसिएशन से सचिव शिरीष नलगुरूवर ने कहा यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर पूरे देशभऱ में आज लगभग 10 लाख कर्मचारी व अधिकारी हड़ताल पर है. दो दिवसीय हड़ताल के बाद यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन बैठक होगी ,जिसमें यह तय किया जाएगा कि सरकार ने हड़ताल पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तो आगे की रणनीति बनाई जाएगी कि कितनी लंबी हड़ताल पर हमें जाना होगा, हम किस तरह से विरोध कर सकते हैं.

केनरा बैंक ऑफिसर एसोसिएशन के रिजनल डायरेक्टर बीके उपाध्याय ने कहा बैंक के निजीकरण से आम जनता को परेशानी होगी, बड़े उद्योगपतियों के हाथ में बैंक चले जाने से किसान और गरीब जनता को प्राथमिकता नहीं दी जाएगी. बड़े उद्योगपतियों का राज हो जाएगा. जितने भी प्राइवेट बैंक है, उनकी शाखा बड़े शहरों में ही दी गई है. जीरों बैलेंस में प्राइवेट बैंकों में खाता नहीं खोला जाता है, नोटबंदी के समय में सरकारी बैंक ने ही आम जनता का सहयोग किया था.