Bank Locker Rules: ग्राहक अपना कीमती सामान, दस्तावेज आदि रखने के लिए बैंक लॉकर सुविधा का इस्तेमाल करते हैं। 31 दिसंबर 2022 से आरबीआई के लॉकर संबंधी नए नियम लागू हो गए हैं। जनवरी 2023 तक के लिए लॉकर एग्रीमेंट भी ग्राहकों को सौंप दिए गए हैं। लॉकर में रखे सामान के नुकसान की भरपाई के लिए गाइडलाइन भी जारी कर दी गई है। ऐसे में ग्राहकों के लिए अपने बैंक लॉकर से जुड़े नियमों को जानना जरूरी है।

बैंक लॉकर समझौता क्या है

पीएनबी लॉकर एग्रीमेंट पॉलिसी के अनुसार, बैंक ग्राहक को लॉकर प्रदान करते समय ग्राहक के साथ एक समझौता करता है। दोनों पक्षों द्वारा विधिवत मुहर लगी और हस्ताक्षरित कागज पर इस समझौते की एक प्रति लॉकर किराएदार को उसके अधिकारों और जिम्मेदारियों के लिए दी जाती है। वहीं, एग्रीमेंट की ओरिजिनल कॉपी बैंक की उस ब्रांच के पास रहती है, जहां ग्राहक को लॉकर की सुविधा दी जाती है।

लॉकर सामग्री मुआवजा

सेंटर फॉर इन्वेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग के अनुसार, बैंक की लापरवाही, जैसे आग, चोरी, डकैती और इमारत गिरने के कारण लॉकर की सामग्री के किसी भी नुकसान के मामले में बैंक लॉकर किराएदार को मुआवजा देंगे। बैंक सेफ डिपॉजिट लॉकर के सालाना किराए का 100 गुना तक भुगतान करेगा।

साथ ही, भूकंप, बाढ़, बिजली या तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं या ग्राहक की लापरवाही के कारण लॉकर सामग्री के नुकसान के लिए बैंक उत्तरदायी नहीं होगा।

बैंक लॉकर शुल्क

बैंक लॉकर प्रदान करते समय ग्राहक से सावधि जमा की मांग कर सकते हैं, जिसमें नियमित भुगतान सुनिश्चित करने के लिए तीन साल का किराया और लॉकर संबंधी शुल्क शामिल होंगे।

एसबीआई के मुताबिक, बैंक लॉकर की फीस एरिया और लॉकर के साइज के हिसाब से 500 रुपये से लेकर 3,000 रुपये तक होती है। अतिरिक्त बड़े आकार के लॉकरों के लिए 2,000 रुपये, 4,000 रुपये, 8,000 रुपये और 12,000 रुपये शुल्क लगता है।

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