जगदलपुर. प्रशासन ने पहले संभागायुक्त कार्यालय के सामने स्थित विजय भवन को सील कर दिया, बाद में राजस्व अमले ने नाटकीय घटनाक्रम के बाद दो घंटे के अंतराल में परिसर के मेन गेट और अन्य आवास का सील खोल दिया.
विजय भवन में रह रहें दिलीप देव ने स्वयं को भरतचंद्र भंजदेव का पुत्र बताते हुए कहा कि राजमहल के इशारे पर प्रशासन परिसर को खाली करवाने की कोशिश में लगा है. बस्तर राजपरिवार के सदस्य हरिहरचंद्र भंजदेव, मोहितचंद्र भंजदेव और दिलीपदेव ने मंगलवार को एक निजी होटल में आयोजित पत्रकारवार्ता के दौरान इन बातों का खुलासा किया है.
दिलीप देव ने आरोप लगाते हुए कहा कि राज परिवार और युवा आयोग का रसूख दिखाकर न केवल संपत्ति से बेदखल करने का राजमहल में कुचक्र रचा जा रहा है, बल्कि परिवार के अन्य सदस्यों के विरुध्द षड़यंत्र भी रचा जा रहा है. परिवार के लोगों को जान का खतरा है और यदि कोई घटना होती है तो इसके लिए पूरी तरह से कृष्णा कुमारी देवी और कमलचंद्र भंजदेव जवाबदार होंगे. बता दें कि कमलचंद्र राज्य युवा आयोग के अध्यक्ष हैं, जिन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा हासिल है.
इनका आरोप है कि राजा के वंशज होने के नाते पूरी प्रापर्टी पर केवल उनका हक है और इसलिए राजमहल में भी परिवार के अन्य सदस्यों को नहीं रहने दिया जाएगा. राजमहल परिसर सहित शहर के अन्य कई इलाकों की संपत्ति से मिलने वाला पूरा किराया पिछले 37 सालों से इनके पास जा रहा है. परिवार की बात परिवार के बीच ही निपट जाए, यह सोचकर आज तक अन्य सदस्यों ने चुप्पी साधी थी. अब पानी सिर के ऊपर चला गया है.
बता दें कि प्रवीर चन्द्र के छोटे भाई विजय चन्द्र भंजदेव को विजय भवन मिला हुआ था. जिसके बाद से यह संपत्ति उन्हीं के पास रही. उनके तीन पुत्र भारत चन्द्र हरिहर और देवेश भंजदेव के नाम यह संपत्ति दर्ज हुई. उस समय से लेकर अब तक बस्तर राजपरिवार और दिलीप देव के बीच उक्त संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था. बरसों चली क़ानूनी लड़ाई के बाद राजस्व न्यायालय ने वर्तमान महाराजा कमल चन्द्र भंजदेव एवं राजमाता कृष्ण कुमारी देवी के पक्ष में फैसला सुनाया. इसी फैसले का पालन कराने के लिए आज यह सीलबंदी की कार्रवाई की गई है.