जगदलपुर. लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर छत्तीसगढ़ के बस्तर में धर्मांतरण का मुद्दा गरमाया हुआ है. दरअसल बस्तर जिले के ग्राम पंचायत में धर्मांतरण रोकने विशेष समुदाय के लोगों का गांव में पांचवी अनुसूची के नियमों का हवाला देकर और ग्राम सभा पारित कर विशेष समुदाय के लोगों के व्यवसाय, कारोबार और रोजगार पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसके अलावा विशेष समुदाय का कोई भी बाहरी व्यक्ति के गांव में घूमने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

इसके अलावा गांव में कई ऐसे कठोर नियम बनाए गए हैं, जिससे मतांतरण करने वाले ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ है. इस नियमों के विरोध में सोमवार को बस्तर जिले के लौंहडीगुड़ा ब्लॉक के विशेष समुदाय के सैकड़ों लोगों ने धरना प्रदर्शन किया और 1 घंटे तक जगदलपुर- चित्रकोट मार्ग पर चक्काजाम किया. लगभग 4 घंटे तक धरना प्रदर्शन करने के बाद भी ज्ञापन लेने किसी अधिकारी को नहीं आता देख विशेष समुदाय के युवाओं ने शर्ट खोलकर धरना प्रदर्शन किया.

इसके बाद लौंहडीगुड़ा ब्लॉक के एसडीएम को युवाओं ने अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा और पांचवी अनुसूची के तहत विशेष समुदाय के लोगों के खिलाफ पंचायत में बनाए गए नियमों को वापस लेने की मांग की. विशेष समुदाय का आरोप है कि ग्राम सभा में नियमों का हवाला देते हुए विशेष धर्म को मानने वाले आदिवासी और गैर आदिवासियों को डरा, धमकाकर गलत नियम बनाकर और उच्च पद का गलत फायदा उठाकर इनके मौलिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है. इन विशेष समुदाय के लोगों को गांव से बहिष्कार करने जैसा कार्य किया जा रहा है. गांव के नल, बोरिंग, तालाब के इस्तेमाल पर रोक लगाने का कार्य किया जा रहा है, जबकि यहां के ग्रामीण पिछले कई सालों से इसी गांव में रहते हैं. इन सभी नियमों के विरुद्ध विशेष समुदाय के लोगों ने बस्तर कमिश्नर के नाम लौंहडीगुड़ा एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है.

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