रायपुर. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक निजी होटल में आयोजित कार्यक्रम में लेखक रशीद किदवई की पुस्तक ‘भारत के प्रधानमंत्री’ का विमोचन किया.

रशीद किदवई ने अपनी किताब के बारे में बात करते हुए बताया कि ‘भारत के प्रधानमंत्री’ पुस्तक में देश की दशा एवं दिशा के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है. इसमें भारत के 15 प्रधानमंत्रियों और कार्यवाहकों का जिक्र किया गया है. उनसे जुड़ी प्रमुख घटनाओं, अनछुए पहलुओं और कश्मीर मुद्दे जैसे विषयों को इस पुस्तक में शामिल किया गया है.

क्या खास है इस किताब में…

  1. इसमें भारत के 15 प्रधानमंत्रियों और कार्यवाहकों का जिक्र किया गया है.
  2. उनसे जुड़ी प्रमुख घटनाओं, अनछुए पहलुओं और कश्मीर मुद्दे जैसे विषयों को इस पुस्तक में शामिल किया गया है.
  3. इस पुस्तक की प्रस्तावना पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने लिखी है और यह हिन्दी में उनकी पहली किताब है.

ये विषय भी है शामिल

इस पुस्तक में जवाहर लाल नेहरू, गुलजारीलाल नन्दा, लालबहादुर शास्त्री, इन्दिरा गांधी, चरण सिंह, राजीव गांधी, विश्वनाथ प्रताप सिंह, पी.वी. नरसिम्हा राव, एच.डी देवेगौड़ा, इन्द्र कुमार गुजराल, अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीतियों, सिनेमा के प्रति लगाव और कश्मीर मुद्दे जैसे विषयों को शामिल किया गया है.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का उद्बोधन

भारत के प्रधानमंत्री देश, दशा और दिशा पुस्तक का विमोचन आज हुआ है. वैसे तो हम सभी प्रधानमंत्री के बारे में कुछ न कुछ जानते है. पंडित जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री से लेकर वर्तमान के प्रधानमंत्री तक, इन सभी को हम लोग उतना ही जानते है. जितना मीडिया के माध्यम से पता चलता है. लेकिन पत्रकार उन्हें बहुत ही नजदीक से उन्हें देख पाते है. जितना मीडिया में दिखाई देता है. उससे बेहद अलग उनका ऑब्जरवेशन होता है. लेकिन आज के प्रधानमंत्री अगर कुछ बोलते है, तो आपको इतिहास का भी ध्यान रखना है, और भूगोल का भी ध्यान रखना होगा.

जाने विमोचन के बाद क्या कहा मुख्यमंत्री ने

भारत के प्रधानमंत्री जितने भी है, उसके बारे में रसीद किदवई जी के पुस्तक का विमोचन हुआ है. अपनी अनुभव सम्सर्न की जो बातें हुए वप सब इस पुस्तक में है, मैं समझता हूँ कि इस पुस्तक को सभी को पढ़ना चाहिए. आजकल जो व्हाट्सएप में जो सारी बाते आ रही है, उसमें सब कुछ सच नही होता. पहले जो होता था, चाहें इलेट्रॉनिक मैडीआ हो प्रिंट मैडीआ हो उन सब को हम सच मान लेते थे. लेकिन व्हाट्सअप यूनिवर्सिटी किसी के प्रति कोई जिम्मेदार नही है. इसिलिए व्हाट्सएप में जो कुछ भी आ रहा है, आप पढ़ रहे है, उसके लिए आपको माइंड सेट करना होगा कि सही क्या है और गलत क्या है.