भोपाल। पीएससी की तैयारी कर रही छात्रा के साथ भोपाल में 31 अक्टूबर को गैंगरेप हुआ था. आज इस मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया. स्पेशल जज सविता दुबे ने सभी चारों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई. सरकारी वकील रीना वर्मा और पीएन सिंह ने कोर्ट से उम्रकैद की अपील की थी. मामले में करीब 28 गवाहों के बयान दर्ज हुए. गैंगरेप के चारों दोषियों के नाम गोलू उर्फ बिहारी, अमर उर्फ गुल्टू, राजेश उर्फ चेतराम और रमेश उर्फ राजू है.

ये फैसला सिर्फ 36 दिन में इस मामले के लिए गठित फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सुनाया. इधर पीड़िता के माता-पिता ने कहा कि वे दोषियों के लिए सिर्फ फांसी ही चाहते थे, हालांकि आजीवन कारावास के फैसले पर भी उन्होंने संतुष्टि जताई. जांच अधिकारी एसपी रेल रुचिवर्धन मिश्रा ने कहा कि मामले में फैसला तेजी से आया है, अगर आगे भी ऐसा हुआ, तो इससे गुनहगारों के हौसले पस्त होंगे.

बता दें कि 31 अक्टूबर को विदिशा निवासी छात्रा के साथ हबीबगंज रेलवे ट्रैक के पास पुलिया के नीचे चार लोगों ने गैंगरेप किया था. इसके बाद जब पीड़िता और उसके पिता मामला दर्ज कराने पहुंचे, तो पुलिस थानों के सीमा विवाद में ही उलझे हुए थे. इस मामले ने बहुत तूल पकड़ा था. रिपोर्ट दर्ज करने में हुई देरी की वजह से एसपी रेल अनिता मालवीय और आईजी योगेश चौधरी का ट्रांसफर किया दिया गया था. वहीं टीआई रवींद्र यादव (हबीबगंज), संजय सिंह बैस (एमपी नगर), मोहित सक्सेना (जीआरपी थाना) और दो एसआई को सस्पेंड कर दिया गया था. सीएसपी एमपी नगर कुलवंत सिंह को हटाकर पीएचक्यू अटैच किया गया था.

गैंगरेप मामले को लेकर भोपाल पुलिस की बहुत किरकिरी हुई थी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने डीजीपी समेत आला पुलिस अफसरों की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई थी. उन्होंने रिपोर्ट दर्ज करने में 24 घंटे लगने पर पुलिस से जवाब मांगा था.

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इस केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट को सौंपा था.