शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ (Congress state president Kamal Nath) ने एक बार फिर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। चतुर्थ श्रेणी में आउटसोर्सिंग (Outsourcing appointment in class IV) के आधार पर नियुक्ति को लेकर कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपने कार्यकर्ताओं को भर कर नौजवानों के साथ बेईमानी कर सकती हैं। सरकार को मनमानी करने और युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने का कोई अधिकार नहीं है।

पीसीसी चीफ कमलनाथ ने ट्वीट (kamal nath tweet) कर लिखा- मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने कर्मचारी विरोध की सारी हदें पार कर दी हैं। सरकार चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की नियुक्ति आउटसोर्सिंग के आधार पर करने जा रही है। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी प्रशासनिक व्यवस्था की सबसे पहली सीढ़ी हैं और इसमें उन योग्य नौजवानों को भी सम्मानजनक वेतन पर काम करने का मौका मिलता है जो वंचित तबकों से आते हैं और जिन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त नहीं हो पाता।

MP BREAKING: चतुर्थ श्रेणी के पदों पर नहीं होगी सीधी भर्ती, आउटसोर्स के माध्यम से रखे जाएंगे कर्मचारी

सरकार की यह पहल देखते हुए लगता है कि चतुर्थ श्रेणी के सारे काम आउटसोर्स कर दिए जाएंगे और नियमित रोजगार का एक बहुत बड़ा क्षेत्र हमेशा के लिए समाप्त कर दिया जाएगा। डर इस बात का भी है कि आउटसोर्सिंग से होने वाली भर्ती में योग्य अभ्यर्थियों की जगह भाजपा अपने कार्यकर्ताओं को भर सकती है और नौजवानों के साथ बेईमानी कर सकती है। कुछ मामलों में पहले भी ऐसा किया गया है। शिवराज जी आपको इस तरह की मनमानी करने और युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने का कोई अधिकार नहीं है।

MP में चतुर्थ श्रेणी भर्ती पर सियासत: कांग्रेस का आरोप- कर्मचारी विरोधी सरकार, बीजेपी ने किया पलटवार, इधर कर्मचारी संगठनों ने जताई नाराजगी, आदेश के विरोध में सड़क पर उतरने की चेतावनी

बता दें कि मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में अब चतुर्थ श्रेणी के पदों पर नियमित भर्ती (Regular Recruitment to Class IV Posts) नहीं होगी। अब आउटसोर्स (Outsource) के जरिए कर्मचारी रखे जाएंगे। आदेश में कहा गया कि जिन खाली पदों पर तत्काल भर्ती की जरूरत है, विभाग उनकी लिस्ट बनाएं।

आउटसोर्स एजेंसी द्वारा तय किए गए पदों के विरुद्ध एचआर की सेवाएं तब तक दी जाए, जब तक भर्ती की प्रक्रिया के अनुसार योग्य अभ्यर्थी नियुक्त नहीं कर दिए जाते है। नियमित पदों पर भर्ती होने के बाद आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं तत्काल समाप्त कर दी जाएगी। सरकार के इस आदेश के बाद से कर्मचारी संगठनों (employee organization) में भी नाराजगी है।

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