अमृतांशी जोशी, भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल नगर निगम माली हालत खस्ता हो गई है। वसूली घटने से निगम अफसरों और 2 हजार कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़ गए हैं। अफसरों के वेतन के लिए 20 करोड़ की व्यवस्था नहीं है। सरकार से चुंगी क्षतिपूर्ति के 22 करोड रुपए भी निगम को नहीं मिले है। दैनिक वेतन कर्मचारियों की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। पूरे मामले में मानव अधिकार आयोग ने भी संज्ञान लिया। नगर निगम कमिश्नर को नोटिस जारी किया है। आयोग ने कमिश्नर से 10 दिन में जवाब मांगा है। मानवाधिकार आयोग ने निगम के कमिश्नर से जवाब तलब किया है।

सुरेंद्र सिंह सोलंकी, अध्यक्ष, नगर निगम और नगर पालिका कर्मचारी संघ ने कहा कि इस बार वेतन नहीं मिला है इसिलए कर्मचारी काली दिवाली मनाएंगे। नगर निगम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष ने कर्मचारियों की पीड़ा बताई है।
निकाय के कॉम्पन्सेशन की राशि आधा महीना गुजरने के बाद मिलती है। दैनिक वेतन और कर्मचारियों के वेतन रोक दिए गए है। दिवाली के पहले वेतन ना देने का रुख सही नहीं है।

वाट्सएप के जरिए सैलरी न मिलने के मैसेज पहुंचाने की बात कही जा रही है। बिना सूचित किए वेतन रोक दिए गए है।आदमी कहां जाए। हम में से किसी के पास मैसेज या कॉल नहीं आया है। सैलरी का पूछने पर स्मार्ट सिटी पार्क के लोग बदतमीजी करते हैं। कर्मचारी चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं और वेतन से वंचित है। दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के भूखों मरने की नौबत आने वाली है। फांका मस्ती दिन गुजारने को मजबूर है।

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