रायपुर। कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने रायपुर में  ‘ओसामा जी’ वाले बयान पर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि जब अमेरिका ने खूंखार आंतकवादी ओसामा बिन लादेन को मार गिराया तो उन्होंने अमेरिका को बधाई दी. साथ ही पाकिस्तान की मिलिट्री पर व्यंगात्मक टिप्पणी करते हुए कहा कि पाकिस्तान मिलिट्री एकेडमी से 250 मीटर दूर ओसामा था. पर पाकिस्तान आर्मी को पता नहीं चला. यह पाकिस्तान आर्मी का व्यंग था लेकिन मीडिया ने बात का बतंगड़ बना दिया.

प्रदेश कांग्रेस के नेताओं से मीटिंग सुलझाने से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा कि यहां सब गुरु हैं. दिग्विजय सिंह ने कहा कि पीसीसी के पदाधिकारियों के साथ बुधवार की बैठक का एजेंडा चाय-पानी है. उन्होंने कहा कि गुरु शिष्य की परंपरा होती है लेकिन उनका लगाव कांग्रेस नेताओं से है. जिनसे दोस्ताना संबंध है. उनसे जब पूछा गया कि यहां के नेताओं को क्या गुरुमंत्र देंगे तो उन्होंने कहा कि मेरा कोई शिष्य नहीं है.सब गुरु हैं. उनसे जब पूछा गया कि सभी नेता अभी से सीएम बनने की होड़ में है तो उन्होंने कहा कि पहले सरकार तो आ जाए.

दिग्विजय सिंह ने बताया कि वे अक्सर नवरात्र में डोंगरगढ़ आते रहे हैं . वे फिर से डोंगरगढ़ आए हैं. इसके बाद दशहरा से वे नर्मदा पदयात्रा करेंगे. उन्होंने कहा कि 1998 से उनकी इच्छा थी कि वे नर्मदा पदयात्रा करें. उन्होंने कहा कि चूंकि स्वच्छ भारत अभियान चल रहा है. इसलिए वे चाहते हैं कि साफ सफाई बनी रहे इसलिए उन्होंने प्रशासन से मोबाइल टॉयलेट की मांग की थी. ताकि इस अभियान के दौरान उन्हें बदनाम न किया जा सके.

उन्होंने सौभाग्य योजना पर कहा कि ये राजीव गांधी विद्युत योजना का नाम बदल दिया गया है. ये वही योजना है. उन्होंने कहा कि दीनदयाल का नाम लेने से कुछ नहीं होता. केवल नाम लेने से मूल भावना की पूर्ति न मोदी कर रहे हैं न रमन सिंह कर रहे हैं.

बीजेपी के मिशन 65 उन्होंने कहा कि पिछली बार वो उल्टा सीधा करके जीत गई थी. लेकिन इस बार जीतना मुश्किल है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के प्रकरणों का अंबार लगा हुआ है. कोई ऐसा विभाग नहीं जिसमें कमीशनबाज़ी नहीं. बीजेपी नेता और कर्मचारी वसूली कर रहे हैं. बृजमोहन के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच न होने पर उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ इतना छपा. लेकिन मोदी ने जांच नहीं कराई. मोदी कहते थे कहते थे ‘न खाऊंगा न खाने दूंगा’ लेकिन अब लगता है कि उनका नारा ‘हम ही खाएँगे कोई न खाने पाए’ हो गया है

 

 

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