आषुतोष तिवारी, जगदलपुर। सिलगेर आंदोलन के बाद सारकेगुड़ा में 28 जून को बड़ा आंदोलन होने वाला है. पोस्टर जारी कर सारकेगुड़ा की बरसी पर विशाल जनसभा का ऐलान किया गया है. इसी बीच बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने अपना बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि जुलूस, रैली या जनसभा की अनुमति नहीं है. कोरोना नियमों का उल्लंघन और आयोजन करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

सारकेगुड़ा में 28 जून को बड़े आंदोलन की तैयारी

दरअसल पिछले सप्ताह लगातार आस-पास इलाके के ग्रामीण आंदोलन के लिए सिलगेर पहुंच रहे हैं. अब तक लगभग 2 हजार से अधिक ग्रामीण पहुंच चुके हैं. साथ ही लगातार जंगल के रास्ते हजारों ग्रामीण 28 जून को सारकेगुड़ा पहुंचने वाले है. एक बड़ा जनसैलाब के रूप में आंदोलन करने की तैयारी ग्रामीणों ने की है. वही पुलिस भी अपनी तैयारी में जुट गई है. मौके पर बेरिकेटिंग भी की जा रही है.

ग्रामीणों को जबरन कैंप के विरोध में भेज रहे नक्सली 

बस्तर आईजी सुंदरराज पी का कहना है कि ग्रामीणों को नक्सली जबरन कैंप के विरोध में भेज रहे हैं. अगर ग्रामीण जाने से मना करते हैं या तबीयत खराब होने की बात कहते हैं, तो उन पर 1000 से 5000 तक का जुर्माना नक्सली लगाते हैं. आईजी का कहना है कि पुलिस लगातार निगरानी रख रही है.

आयोजन करने पर होगी कार्रवाई

आईजी का कहना है कि सारकेगुड़ा ब्लॉक को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है. किसी भी प्रकार की जुलूस, रैली या जनसभा की अनुमति नहीं है. यदि इस तरह के आयोजन किए जाते है, तो उल्लघंन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही नक्सलवाद के समर्थकों पर भी निगरानी रखी जा रही है. अगर किसी भी प्रकार की कोई इनपुट हमें मिलेगा, उस पर भी कार्रवाई की जाएगी.

क्या है पूरा मामला ?

बता दें कि साल 2012 में 28 जून की रात बीजापुर जिले के सारकेगुड़ा में सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस के संयुक्त एनकाउंटर में 17 लोग मारे गए थे. 18 साल से कम उम्र के 6 लोग शामिल थे. 7 साल बाद इस एनकाउंटर की जांच रिपोर्ट सामने आई है. रिपोर्ट के मुताबिक उस मुठभेड़ में नक्सलियों के शामिल होने के सबूत नहीं मिले हैं. मारे गए लोग आम ग्रामीण थे. इससे नाराज नक्सली और ग्रामीण सरकेगुड़ा बरसी को लेकर आंदोलन करने के लिए एकजुट हो रहे हैं.

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