सरगुजा। छत्तीसगढ़ के शिमला कहे जाने वाले मैनपाट में हाथियों का आतंक जारी है. हफ्तों से डेरा जमाए हाथियों ने कल रात दर्जनों घरों को तबाह कर दिया. दर्जनों घर टूटने से ग्रामीण बेघर हो गए हैं. अब तक वन विभाग से किसी तरह की कोई मुआवाजा राशि नहीं मिली है. लोगों ने मदद की गुहार लगाई है.

हाथियों ने 12 से ज्यादा घरों को तोड़ा

दरअसल, सरगुजा के मैनपाट वन परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बरडांड बस्ती में कल रात 9 हाथियों के दल ने हमला किया. दर्जनों घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया. वन विभाग ने पहले ही हाथियों के आने की सूचना गांव वालों को दे दी थी, जिस कारण इस हमले में जनहानि नहीं हुई.  दर्जनों घरों के टूट जाने से लोग बेघर हो गए हैं. अब तक वन विभाग से किसी तरह कोई मुवाजा राशि नहीं मिली है.

ग्रामीणों को मुआवजे की दरकार

वन परिक्षेत्र मैनपाट के परिक्षेत्र अधिकारी फेकू राम चौबे ने बताया कि मैनपाट क्षेत्र में कई हफ्तों से हाथियों के 9 सदस्य झुंड ने कब्जा जमाया हुआ है, जो रात होते ही भोजन की तलाश में मैनपाट की घनी बस्ती के आसपास आ जाता है. सुबह होते ही कापू वन परिक्षेत्र की ओर बढ़ जाते हैं. फेकू चौबे ने यह भी बताया कि मैनपाट में कोहरा आ जाने के कारण हाथी लगातार क्षेत्र में हमला कर रहे हैं.

वन विभाग की लापरवाही भी यहां देखने को मिल रही है. जब वन विभाग मैनपाट के वन परिक्षेत्र अधिकारी फेकू चौबे को इस बात की जानकारी है कि क्षेत्र में हाथी लगातार भ्रमण कर रहे हैं, तो उनसे बचने के लिए और लोगों को बचाने के लिए उचित कार्रवाई और योजना बनानी चाहिए. वन परीक्षेत्र अधिकारी मैनपाट फेकू चौबे के द्वारा केवल सुरक्षा के तौर पर खानापूर्ति की जा रही है. वन विभाग के उच्च अधिकारी अपने रेंजर के भरोसे अपने चेंबर्स में AC का हवा खाते बैठे हुए हैं.

मैनपार्ट वन परिक्षेत्र में अभी कुछ महीने पूर्व ही एक हाथी की मौत हुई थी. मैनपाट के अधिकारियों को हाथी की लाश सड़ी गली हालत में मिली. इस बात से यह सीधा साफ होता है. मैनपाट के वन परीक्षेत्र अधिकारी को अपने क्षेत्र से लगे हाथी के मरने तक की खबर नहीं मिल पाई. विभाग के उच्च अधिकारी अपने रेंजर्स भरोसे बैठे हैं.

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