नेहा केसरवानी, रायपुर। सर्व आदिवासी समाज विधानसभा चुनाव लड़ेगा. इस बात का ऐलान करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री और सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष अरविंद नेताम ने कहा कि जल-जंगल और जमीन सबसे बड़ा मुद्दा होगा. गैर आदिवासियों के भी समाज के साथ होने की बात कहते हुए स्पष्ट किया कि जनरल वाले आना चाहते हैं, तो हमारी पार्टी को मजबूती मिलेगी.

अरविंद नेताम ने सर्व आदिवासी समाज के अन्य पदाधिकारियों के साथ प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि हमारी पार्टी ताकत में रही तो राजनीति सॉल्यूशन निकालेंगे. हमने नक्सली समस्या, सामाजिक समस्या सभी का अध्ययन किया है. इसके साथ ही उन्होंने सर्व आदिवासी समाज की ओर से 23 सूत्रीय मांग शासन के समक्ष रखा.

(1) संवैधानिक प्रावधान के तहत आदिवासी समाज को 32 प्रतिशत आरक्षण नहीं मिल रहा है. 32 प्रतिशत आरक्षण तत्काल दिया जाए.

(2) जिला-सुकमा के ग्राम-सिलंगर में दोषियों पर कार्यवाही एवं निर्दोष मृतक ग्रामीणों के परिजन को उचित मुआवजा एडसमेटा साकेगुड़ा, ताड़मेटला घटनाओं के न्यायिक जांच में सभी एनकाउंटर फर्जी पाया गया है. दोषी अधिकारी, कर्मचारी पर तत्काल दण्डात्मक कार्यवाही एवं मृतक / प्रभावित के परिवार को उचित मुआवजा बस्तर में नक्सल समस्या का स्थायी समाधान हेतु शासन स्तर पर पहल करे.

(3) छत्तीसगढ़ प्रदेश में ऐसा कानून का नियम बनाया गया है, उसमें संशोधन कर ग्रामसभा को पूर्ण अधिकार दिया जाए.

(4) छत्तीसगढ़ में विभिन्न शासकीय पदों के पदोन्नति में आरक्षण लागू करें.

(5) शासकीय नौकरी में बैकलॉग एवं नई भर्तियों पर आरक्षण रोस्टर लागू किया जाए. पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी भर्ती में शत-प्रतिशत आरक्षण लागू किया जाए.

(6) पांचवी अनुसूची क्षेत्र में गैर संवैधानिक रूप से बनाये गये नगर पंचायतों, नगर पालिक निगम को वापस ग्राम सभा बनाया जाए.

(7) छ.ग. राज्य में समस्त वन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाये जायें एवं वहां निवासरत किसानों को राजस्व ग्राम की तरह अधिकार एवं सुविधा दी जाए. सीतानदी अभ्यारण्य में प्रभावित वनग्राम / ग्राम में वनोपज संग्रहण और विक्रय का अधिकार दिया जाए.

(8) मात्रात्मक त्रुटि में सुधार किया जाकर जाति प्रमाण पत्र ( सामाजिक पारस्थितिक प्रमाणीकरण पत्र) जारी करे. फर्जी प्रकरण पर दोषियों पर शीघ्र कार्यवाही हो.

(9) प्रदेश के 5वीं अनुसूचित क्षेत्रों में ग्रामसभा की सहमति के बिना किये गये भूमि अधिग्रहण रद्द करें एवं बिना ग्रामसभा के सहमति के किसी प्रकार का कार्य न किया जाये एवं शासकीय एवं सार्वजनिक उपक्रम के अलावा किसी भी कार्य की सहमति न दी जाए. बस्तर में नगरनार विनिवेश को रोका जाए तथा हसदेव कोल ब्लॉक खनन को भी रोका जाए.

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