कुमार इंदर, जबलपुर। मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्थगन के बाद भी सियासी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी पार्टी कांग्रेस में आरक्षण में रोटेशन का पालन नहीं किए जाने के आरोप-प्रत्यारोप के बीच मामला मानहानि मुकदमा तक पहुंच गया है। इस मामले को लेकर मध्यप्रदेश सरकार के खिलाफ कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और अधिवक्ता विवेक तन्खा ने अपने अधिवक्ता पूर्व एडवोकेट जनरल शशांक शेखर के माध्यम से नोटिस भेजा है। उन्होंने 10 करोड़ की मानहानि का मुकदमा के लिए लीगल नोटिस भेजा है। नोटिस में एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा और नगरीय निकाय मंत्री भूपेंद्र सिंह को पार्टी बनाया गया है।

नोटिस में एमपी के सीएम सहित उक्त लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को गलत तरीके से बयान करने का आरोप लगाया है। पंचायत चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर ओबीसी आरक्षण खत्म करने का आरोप लगाया है। वहीं बीजेपी ने विवेक तनखा पर ओबीसी का आरक्षण खत्म कराने का आरोप भी लगाया है।

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वहीं मानहानि नोटिस मामले में एमपी के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि नोटिस का जवाब दिया जाएगा। प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा है कि कांग्रेस के कारण ही ओबीसी सीटों पर चुनाव रुका हुआ है। कांग्रेस कोर्ट न जाती तो क्या चुनाव रुकने वाला था। उन्होंने कहा कि नोटिस मिलेगी तो जवाब देंगे।