आशुतोष तिवारी, जगदलपुर. गरीबों को राहत पहुंचाने के लिए बनी योजना में गड़बड़ी और फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। बस्तर जिले में हजारों ऐसे फर्जी बीपीएल राशन कार्ड मिले हैं, जिसके जरिए अमीर और सरकारी अफसर तक राशन ले रहे थे। जांच के बाद तीन हजार फर्जी कार्ड रद्द कर दिए गए हैं।

केंद्र सरकार के निर्देश पर बस्तर जिले में खाद्य विभाग ने बीपीएल राशन कार्ड की जांच शुरू की। जांच में अब तक 63 हजार से ज्यादा संदिग्ध कार्डधारी सामने आए हैं। इनमें मृत व्यक्तियों के नाम पर बने कार्ड, लंबे समय से राशन नहीं लेने वाले लोग और ई-केवाईसी नहीं कराने वाले उपभोक्ता शामिल हैं। खाद्य विभाग की टीम ने अब तक तीन हजार राशन कार्ड निरस्त कर दिए हैं।

98 सरकारी अफसरों के नाम पर बने थे बीपीएल कार्ड

जांच में यह भी खुलासा हुआ कि छह लाख से अधिक वार्षिक आय वाले लोग, बड़े व्यापारी, उच्च पदस्थ सरकारी कर्मचारी और संपन्न किसान भी बीपीएल कार्ड का फायदा ले रहे थे। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि जिले के 98 सरकारी अधिकारी जो ऊंचे पदों पर कार्यरत हैं उनके नाम पर भी बीपीएल कार्ड जारी किया गया था। यही नहीं 25 लाख रुपए से अधिक टर्नओवर वाले नौ व्यापारी भी बीपीएल कार्डधारी पाए गए।

जिनके पास फर्जी राशन कार्ड उनके खिलाफ होगी कार्रवाई : फूड अधिकारी

इस मामले में फूड अधिकारी घनश्याम राठौर ने बताया कि जांच के दौरान अब तक तीन हजार फर्जी राशन कार्ड रद्द किए जा चुके हैं। जिन हितग्राहियों की सालाना आय अधिक है या सरकारी नौकरी व व्यवसाय से जुड़े हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। हमारा उद्देश्य है कि योजनाओं का लाभ सिर्फ असली गरीब परिवारों तक पहुंचे।