अश्विनी वैष्णव ने रेल मंत्रालय का पदभार संभालने के बाद से कई चौंकाने वाले फैसले लिए हैं. अब उन्होंने रेलवे में सालों से चली आ रही सामंती प्रथा को खत्म कर दिया है. रेल मंत्रालय में और देश भर में रेलवे GM दफ्तरों में एक आरपीएफ जवान की जरूर तैनाती रहती थी. इस जवान का काम सिर्फ सेल्यूट देने का था. ये परंपरा रेलवे में अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही थी. इसे सामंती परंपरा मानते हुए रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बंद करने का आदेश दे दिया है.

 सेल्यूट प्रथा को बंद करने का एक मकसद ये भी है कि GM और रेलवे के अधिकारी अपने आप को खास न समझें. आजादी के अमृत वर्ष में इस प्रथा को बंद किया जा रहा है. इसके साथ ही अधिकारियों को ये मैसेज दिया जा रहा है कि मंत्रालय या रेलवे के दफ्तरों में सभी काम करने के लिए आते है. यहां कोई खास नहीं है, यहां सब बराबर हैं और जनता की सेवा के लिए हैं.

बता दें कि रेलवे के आला अधिकारी सेल्यूट को रुतबे से जोड़ते हैं. रेलमंत्रालय में जिस रेल मंत्री और बोर्ड के मेम्बर के लिए अलग गेट है, उसी पर RPF का सेल्यूट देने वाला जवान विशेष वर्दी में तैनात रहता था. इसी तरह की व्यवस्था रेलवे के सभी जोन के दफ्तरों में होती थी, जिसे तत्काल प्रभाव से खत्म किया गया है.