सीतामढ़ी। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच सीतामढ़ी जिले की परिहार सीट से सियासत गरमा गई है। राजद की बागी और अब निर्दलीय उम्मीदवार रितु जायसवाल ने बीजेपी विधायक गायत्री देवी पर नामांकन एफिडेविट में गड़बड़ी का बड़ा आरोप लगाया है। रितु जायसवाल ने दावा किया है कि विधायक के एफिडेविट में अचल संपत्ति के दो अलग-अलग आंकड़े दर्ज हैं, जिससे पूरा मामला विवादों में आ गया है।

रितु जायसवाल का आरोप- नामांकन में हुआ बड़का खेल

निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरीं रितु जायसवाल ने सोशल मीडिया पर एफिडेविट की दो तस्वीरें शेयर करते हुए कहा कि बीजेपी प्रत्याशी गायत्री देवी ने अपनी संपत्ति का गलत ब्यौरा दिया है। एक जगह 83 लाख और दूसरी जगह 59 लाख की संपत्ति दिखाई गई है। उन्होंने कहा चुनाव कानून के मुताबिक झूठा हलफनामा देना अपराध है। अगर आरोप साबित हुए तो जीतने के बाद भी विधायक को सीट खाली करनी पड़ सकती है।

राजद से टिकट न मिलने पर बगावत

दरअसल, राजद ने परिहार सीट से स्मिता पूर्वे को टिकट दिया, जबकि रितु जायसवाल इस सीट से चुनाव लड़ने की इच्छुक थीं। पार्टी ने उन्हें बेलसंड सीट का ऑफर दिया, लेकिन उन्होंने साफ इनकार कर दिया। रितु का कहना है कि तेजस्वी यादव ने मेरा नाम फाइनल किया था, लेकिन दलालों के दबाव में निर्णय बदला गया। अगर पार्टी ने किसी जमीनी कार्यकर्ता को टिकट दिया होता तो मैं पीछे हट जाती, लेकिन बिना जनाधार वाले व्यक्ति को आगे किया गया।

परिहार सीट का राजनीतिक समीकरण

नेपाल सीमा से सटी परिहार विधानसभा सीट 2008 में परिसीमन के बाद बनी थी और तब से यह सीट बीजेपी का गढ़ बनी हुई है। 2010 में राम नरेश यादव ने इस सीट पर बीजेपी का खाता खोला। इसके बाद 2015 और 2020 दोनों चुनावों में गायत्री देवी ने जीत दर्ज की। पिछली बार उन्हें 73,420 वोट मिले थे जबकि राजद की उम्मीदवार ऋतु कुमारी को 71,851 वोट प्राप्त हुए थे।

अब मुकाबला दिलचस्प

अबकी बार परिहार से तीनों मोर्चों पर सियासी संघर्ष दिख रहा है- एनडीए की ओर से गायत्री देवी, राजद की स्मिता पूर्वे और निर्दलीय रितु जायसवाल। रितु का आरोप और उनके जनसंपर्क अभियान ने इस शांत सीट पर हलचल तेज कर दी है। अब देखना यह होगा कि क्या उनके आरोप चुनाव आयोग तक पहुंचते हैं या फिर ये मामला सिर्फ चुनावी बयानबाजी तक सीमित रह जाएगा।