सुरेंद्र जैन,धरसीवां। जरूरी नहीं की कोई करोड़पति अरबपति या सरकारें ही गरीबों की मदद करें. मन में जब जज्बा हो तो मेहनत से कमाई करने वाले भी समय पर जरूरतमन्दों की मदद कर सकते हैं. ऐसी ही मिसाल पेश की है धरसीवां के युवा बाइक मैकेनिक साहिल खान ने. वैसे तो साहिल खान के जीवन में यह कोई नई बात नहीं है, लेकिन गुरुवार को उन्होंने जिस क्षेत्र में अपनी पसीने की कमाई जरूरतमन्दों को दी वह काबिले तारीफ है.

साहिल खान ने गुरुवार को परसतराई स्थित दाऊ पोषण लाल चन्द्रवँशी शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के छात्र विक्रम धृतलहरे कक्षा 11 वीं, छात्र अजय निषाद कक्षा 12 वीं, छात्रा संध्या टण्डन, कुमारी करीना कक्षा 12वी, एवं छात्रा प्रेरणा कक्षा 11 वीं को शिक्षक शिक्षिकाओं की उपस्थित में 4-4 हजार रुपये नगदी पढ़ाई के लिए सहयोग राशि के रूप में दिए और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की. उक्त विद्यार्थी शैक्षणिक कार्य में हमेशा आगे रहते है.

दरअसल साहिल खान हाल ही में बनी उक्त संस्था की शाला विकास समिति के सदस्य भी है और संस्था की तरफ से जैसे ही एक छात्रा के पिता के न होने के कारण एवं कुछ अन्य छात्र छात्राओं के आर्थिक रूप से कमजोर होने से उनकी पढ़ाई के लिए फीस पुस्तक आदि की परेशानियों की जानकारी मिली तो उन्होंने तत्काल ही स्वयं की जेब से ऐंसे बच्चों की मदद करने का मन बना लिया और पांचों विद्यार्थियों को चार चार हजार रुपये की नगद सहायता अपनी ओर से दे दी.

इस संबंध में संस्था प्राचार्य से तो बात नहीं हो सकी लेकिन स्कूल के शिक्षक पीलाराम साहू ने बताया कि जो छात्र छात्राएं आर्थिक रूप से कमजोर होते उनके बारे में समय समय पर संस्था की ओर से जो सहयोग कर सकें. ऐसे लोगों को अवगत कराया जाता है. साहिल खान शाला विकास समिति के सदस्य भी है उन्हें जब इन 5 छात्राओं की आर्थिक स्थिति के बारे में बताया तब उन्होंने तत्काल ही अपनी ओर से पांचों छात्र छात्रों को चार चार हजार रूपये की नगद आर्थिक सहायता की. इनमें एक छात्रा ऐसी है जिसके पिता अब इस दुनिया में नहीं है. इस कारण उसके सामने आर्थिक समस्या आड़े आ रही थी.

साहिल हमेशा से ही मुसीबत में लोगों की मदद करने में आगे रहे है. कुछ साल पहले भी रात को एक गरीब मां की बेटी शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुंची, लेकिन कोई चिकित्सक नहीं था पिता शराबी था जो शराब के नशे में घर में लड़की की मां को पीटता था. इन सबसे वो लड़की परेशान रहती थी. इसका भी इलाज साहिल ने अपने खर्चे से प्राइवेट अस्पताल में इलाज करवाया था. अब भी हमेशा लोगों की मदद करते रहते हैं.