रायपुर। बिलासपुर विश्वविद्यालय में कुलपति नियुक्ति के विवाद में अब कांग्रेस भी कूद पड़ी है। कांग्रेस ने प्रोफेसर सदानंद शाही की नियुक्ति पर रोक लगाए जाने का विरोध किया है और इसे असंवैधानिक बताया है। कांग्रेस विधायक सत्यनारायण शर्मा ने प्रेसवार्ता कर सीधे कुलाधिपति और राज्यपाल बलरामजी दास टंडन पर आरोप लगाया है कि वे एक विशेष विचारधारा को पोषित कर रहे हैं।

सत्यनारायण ने कहा कि जो आदेश जारी किया गया है उसमें रोक लगाने के पीछे कारणों का उल्लेख नहीं किया गया है। उन्होंने रोक लगाए जाने के कारणों का खुलासा किए जाने की मांग की है। उन्होंने बगैर ABVP का नाम लिए कहा कि कुलाधिपति पहले नियुक्ति करते हैं और ज्वाईन करने से पहले एक संगठन के विरोध पर बगैर किसी कारण के रोक लगा देते हैं।

उन्होंने रमन सरकार पर प्रदेश में शिक्षा के भगवाकरण का आरोप लगाते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ में सरकार शिक्षा का भगवाकरण करने की कोशिश कर रही है जिसमें कांग्रेस उन्हें कामयाब नहीं होने देगी। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर प्रोफेसर शाही नियुक्ति की अर्हता पूरी नहीं करते थे तो उनकी नियुक्ति के पहले इसे क्यों नहीं देखा गया। इसी तरह बाकि के विश्वविद्यालयों में भी नियुक्ति की गई होगी।

कांग्रेस ने इस मुद्दे को हथियार बनाते हुए प्रदेश भर में जनआंदोलन की चेतावनी दी है। गौरतलब है कि एबीवीपी ने प्रोफेसर शाही की नियुक्ति को लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया था। माना जा रहा है कि एबीवीपी को प्रोफेसर शाही के पहले वामपंथी होने को लेकर आपत्ति थी.