Maharashtra CM Eknath Shinde News: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सरकारी आवास पर खाने-पीने पर होने वाले खर्च की खूब चर्चा हो रही है. इस मामले को लेकर एनसीपी नेता और कांग्रेस समेत तमाम नेताओं ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर हमला बोला है. खबरों की मानें तो पिछले चार महीने में मुख्यमंत्री आवास पर खाने-पीने पर 2 करोड़ 38 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं. इस पर कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने कहा है कि ”चाय में सोने का पानी मिलाया क्या?”

कांग्रेस और एनसीपी नेताओं ने किया हमला

जानकारी के मुताबिक सीएम एकनाथ शिंदे के सरकारी आवास पर पिछले चार महीने में खाने का बिल 2 करोड़ 38 लाख रुपये आया है. इस पर एनसीपी नेता अजीत पवार ने पूछा है कि वर्षा बंगले की चाय में कौन सा सुनहरा पानी मिलाया जाता है? वहीं कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने लिखा कि महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के सरकारी आवास पर 4 महीने के खाने का बिल 2 करोड़ 38 लाख रुपये बताया गया है. सीएम से सवाल ”चाय में सोने का पानी मिलाया ?” भाजपा वालों आपने कितना खाया?

सोशल मीडिया पर कई लोग अपना रिएक्शन दे रहे हैं.@awaaz_dill_ki यूजर ने लिखा कि बजट में इन मंत्रियों के खाने के बजट की भी सीमा तय होनी चाहिए. लेकिन यह सिर्फ एक काल्पनिक पुलाव है, ऐसा कभी नहीं होगा. वे वेतन के साथ-साथ पेंशन भी लेंगे और अपने खाने पर भी खर्च नहीं करेंगे।

@RavindraBishtUk यूजर ने लिखा कि लगता है फडणवीस ने मुख्यमंत्री आवास में खाने का टेंडर लगाया है। @nileshshekokar यूजर ने लिखा कि क्या आपने मशरूम खाना शुरू कर दिया है?

@RavindraBishtUk यूजर ने लिखा कि एकनाथ शिंदे के लिए न तो सीबीआई और न ही ईडी, क्योंकि बिल सीएम आवास का है और टेंडर फडणवीस का होगा। भाजपा के लोगों के लिए प्रधानमंत्री का नारा है अच्छा खाओ और हमें भी खिलाओ!

@NiralaChandan1 यूजर ने लिखा कि कोई सवाल नहीं करेगा, अमृतकाल चल रहा है। भाजपा और उसके सहयोगी दल घोटाले नहीं करते, वे जो भी खर्च करते हैं, वह देश की सेवा में खर्च होता है। एक यूजर ने लिखा कि रायपुर और हवाई जहाज वगैरह का बिल कितना आया? वह यह भी बताएं कि क्या सीएम ने अपने वेतन से खर्च किया?

बता दें कि सीएम शिंदे ने अजीत को जवाब देते हुए कहा कि सीएम आवास में दूर-दूर से लोग आते हैं. उन्हें चाय दी जाती है, बिरयानी नहीं। हमारी संस्कृति में है कि जब कोई हमारे घर आता है तो उसे चाय और पानी पिलाया जाता है। क्या हमें ऐसा नहीं करना चाहिए? अजीत पवार ने यह भी आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री ने पिछले 6 महीनों में चुनाव प्रचार पर 50 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. इन आंकड़ों पर अजित पवार ने आरटीआई से मिले जवाब के हवाले से अपनी बात रखी है.

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