नई दिल्ली. यूपी के फरुर्खाबाद जिले के एक गांव में 10 घंटे से अधिक बंधक बनाए गए सभी 23 बच्चों को गुरुवार देर रात पुलिस ने छुड़ा लिया.

 इन मासूम बच्चों को एक सिरफिरे व्यक्ति ने बंधक बनाया था. ये सिरफिरे सुभाष बाथम (40) पर अपने मौसा मेघनाथ की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा पा चुका है. घर में चोरी करने की शिकायत पर उसने साल 2001 में मौसा की हत्या कर दी थी. 2005 में उसे उम्रकैद हुई. 10 साल जेल में रहने के बाद हाईकोर्ट से उसे जमानत मिल गई. करीब तीन महीने पहले एसओजी ने फतेहगढ़ में हुई चोरी के आरोप में उसे जेल भेज दिया. वहां से डेढ़ माह पूर्व जमानत पर छूटा और खुद को फंसाने के शक में उसने पुलिस व ग्रामीणों से बदला लेने की योजना बनाई और इस घटना को अंजाम दिया.

इस सिरफिरे को पुलिस के साथ मुठभेड़ में गोली मार कर मार गिराया. वहीं इस पूरी घटना में आरोपी की पत्नी की भी मौत हो गई. बता दें कि अपने घर बच्चे का जन्मदिन के बहाने आरोपी ने गांव के सभी बच्चों को पार्टी में बुलाया था और फिर अपने घर में सभी को बंधक बना लिया था. ये पूरी घटना मोहम्मदाबाद इलाके की है.

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इस घटना से पूरे इलाके में दहशत का माहौल था. इसके बाद गांव वालों ने पुलिस को घटना की जानकारी दी. सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने मोर्चा संभाला. यूपी एटीएस और पुलिस के सामने ये ऑपरेशन किसी चुनौती से कम नहीं था. ऐसे में पुलिस ने बड़ी सूझबूझ दिखाते हुए बदमाश से बात करने की कोशिश की. लेकिन सुभाष ने पुलिस को भी नहीं बख्शा और फायरिंग शुरू कर दी. इतना ही नहीं उसने हथगोले भी फेंके थे हमले में पुलिस के दो जवान घायल हो गए है.