सुप्रिया पाण्डेय, रायपुर। भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को लेकर दिये गए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान ने सर्दियों के इस मौसम में राजनीति का तापमान बढ़ा दिया है. रायपुर सांसद सुनील सोनी ने इसे साधु संतों का अपमान बताते हुए बयान पर आपत्ति जताई है. उन्होंने सीएम से माफी मांगने की मांग की है.

सुनील सोनी ने कहा कि देश की संस्कृति में भगवा रंग को त्याग और तपस्या का मानते है. भूपेश बघेल ने जो बयान दिया है पूरे देश के साधु-संतों का अपमान किया है. मुख्यमंत्री को पूरे देश के साधु संतों और जनता से माफी मांगनी चाहिए. वे इस प्रकार की भाषा का उपयोग करके छत्तीसगढ़ को निंदा के कटघरे में खड़े कर रहे हैं. लोग निंदा कर रहे हैं.

सोनी ने आगे कहा, भूपेश बघेल प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं इस बात का उन्हें ध्यान देना चाहिए. उन्हें ये शोभा नहीं देता कि वे अनर्गल बयान दें और अशोभनीय भाषा का प्रयोग करें. ऐसा करके वे छत्तीसगढ़ की जनता का अपमान कर रहे हैं इसलिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को देश की जनता और साधु संतों से माफी मांगनी चाहिए.

यह कहा था भूपेश बघेल ने

आपको बता दें भूपेश बघेल ने योगी आदित्यनाथ को लेकर दिये गए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के बयान का समर्थन किया था. मीडिया से बात करते हुए बघेल ने कहा था, “भगवा रंग को गेरुआ वस्त्र कहा जाता है जो त्याग का परिचायक है. गेरुआ वस्त्र और ध्वजा शिवाजी महाराज ने अपनाया था और अपना पूरा राजपाठ समर्पित कर दिया था. योगी आदित्यनाथ भगवा रंग धारण कर लिए हैं लेकिन संसार का त्याग नहीं किया बल्कि कुर्सी से चिपक गए हैं. सही मायने में भारत के साधु-संतों ने जिस भगवा रंग को अपनाया व त्याग की भावना से अपनाया है. लेकिन यहां त्याग नहीं दिखाई देता. उत्तर प्रदेश में तो जातिवाद दिखाई दे रहा है, योगी आदित्यनाथ वहां जातिवाद फैला कर रखे हैं. गेरुआ वस्त्र त्याग का रंग है हरा रंग हरियाली और उसी प्रकार से सफेद सादगी का परिचायक है. लेकिन आप स्वयं को साधु बताकर गेरुवा धारण कर रहे हैं और मोह माया में फंसे हुए हैं, यह रंग इसलिए नहीं है कि सत्ता प्राप्त किया जाए”

योगी ही नहीं भूपेश के निशाने पर भाजपा की दूसरे नेता पूर्व केन्द्रीय मंत्री उमा भारती और भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा भी आईं. भूपेश ने कहा कि मैं प्रज्ञा सिंह ठाकुर को साध्वी नहीं मानता. साधु-संतों की वाणी में संयम और मिठास होता है, लेकिन वह तो मुंह खोलते ही जहर उगलती हैं. उन्होंने कहा कि यह लोग गेरूवा वस्त्र धारण कर अभी भी मोह माया में फंसे हुए हैं. ऐसे लोग साधु-साध्वी कैसे हो सकते हैं. पिछले दिनों प्रज्ञा सिंह ठाकुर एक यात्रा के दौरान फ्लाइट में बिजनेस क्लास की सीट को लेकर एक अन्य यात्री के साथ उलझती हुई नजर आई थीं. उनके इस वीडियो के वायरल होने के बाद इस वाकये को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही थीं.