रायपुर- प्रदेश में किसानों की कर्ज माफी का मामला एक बार फिर सियासी गलियारों में तूल पकड़ने लगा है.बस्तर अंचल के दो किसानों से कर्ज वसूली को लेकर जेल भेजे जाने का मामला सामने आने के बाद भाजपा ने प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा करना शुरु कर दिया है. भाजपा ने आदिवासी किसानों की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कहा है कि एक तरफ सरकार कर्ज माफी के ढिंढोरे पिट रही है,वहीं दूसरी ओर बस्तर के भोले भाले आदिवासी किसानों को प्रताडित किया जा रहा है.
इस मामले के अध्ययन के लिये भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेशध्यक्ष पूनम चंद्राकर ने चार सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है. जांच कमेटी में किसान मोर्चा के प्रदेश महामंत्री भारत सिह सिसोदिया, गौरी शंकर श्रीवास, प्रदेश मंत्री चंदन साहू, दिलीप पाणीग्रही शामिल किये गये हैं. जांच कमेटी के चारो सदस्य कल बस्तर दौरे पर रवाना हो रहे हैं. कमेटी के सदस्य जेल जेल भेजे गये  दो किसानो के अलावा अन्य राष्ट्रीयकृत बैंक अन्य बैंको के द्वारा  कर्जदार  किसानो से मिलकर कांग्रेस सरकार की कर्ज माफी की वास्तविक हकीकत एवं खरीफ फसल की तैयारियों की विस्तृत जानकारी लेंगे और इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विक्रम उसेंडी को सौंपेंगे.
भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष पूनम चंद्राकर ने कहा कि भाजपा किसान मोर्चा के पदाधिकारी  किसानो के समस्त प्रकरण को लेकर संभागवार दौरा प्रारंभ करेंगे.चंद्राकर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव में किसानों के सभी बैंकों का सभी कर्जा माफ करने का वादा किया था और अब किसानों को जेल भेजा गया,जो सीधा साधा वादा खिलाफी है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने अपनी कर्ज माफी योजना का देश भर में घूमकर प्रचार किया और छत्तीसगढ़ के किसानों को जेल जाने की नौबत आन पड़ी है.यह अस्वीकार्य है, इसलिये किसान मोर्चा सरकार को जगाने का काम करेगी.