रायपुर। छत्तीसगढ़ में बीजेपी चेहरे पर नहीं, बल्कि विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी. अब इसे लेकर सियासत शुरू हो गई है. प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की लोकप्रियता से बीजेपी घबराई हुई है. दो दिनों से चल रही बीजेपी की विभिन्न बैठकों में भाजपा नेता जिस प्रकार से कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बारे में मंथन कर रहे, उससे स्प्ष्ट हो रहा कि भारतीय जनता पार्टी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के व्यक्तित्व और कांग्रेस सरकार की योजनाओं का कोई तोड़ नहीं खोज पाने के कारण विपक्षी दल के नेता बैचैन हैं.

भाजपा के राष्ट्रीय सह प्रभारी शिव प्रकाश मुख्यमंत्री के किसान पुत्र होने को भाजपा के लिए बड़ी चुनौती मान रहे हैं, तो उनकी प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने यह घोषणा करने को मजबूर हो गईं कि भाजपा 2023 का चुनाव बिना किसी चेहरे के लड़ेगी. यह घोषणा करके भारतीय जनता पार्टी की प्रभारी ने यह स्वीकार कर लिया कि भाजपा के पास मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मुकाबले कोई विश्वसनीय चेहरा नहीं है. जिसे आगे कर के वे जनता के बीच जा सकें. पुरंदेश्वरी को खुद भरोसा नहीं है कि कोई भी भाजपा नेता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के लोकप्रिय चेहरे को चुनौती दे पाएगा.

भाजपा प्रभारी के इस बयान से यह भी साफ हो रहा कि वे रमन सिंह के चंगुल से भाजपा को निकालने को बेचैन है. छत्तीसगढ़ में अभी विधानसभा चुनाव में ढाई साल बचे हैं. कांग्रेस सरकार ने अपना आधा कार्यकाल ही पूरा किया है. भाजपा कांग्रेस सरकार के आधे कार्यकाल में ही समर्पण की मुद्रा में आ गई है. भाजपा प्रभारी विपक्ष के रूप में अपने नेताओं के

प्रदेश कांग्रेस के मुख्यप्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय प्रभारी शिवप्रकाश आधी सच्चाई ही कबूल कर रहे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का किसान होना भाजपा के लिए चुनौती तो है ही उससे भी बड़ी चुनौती है मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का किसान और गरीब हितैषी और संवेदनशील होना है. मुख्यमंत्री बनने के तीन घण्टे के अंदर किसानों का कर्ज माफ करने से ले कर 2500 में धान खरीदी, राजीव गांधी किसान न्याय योजना से किसानों की सहायता, सिचाई कर माफ करना बस्तर के आदिवासी किसानों की जमीनों की वापसी, तेंदूपत्ता संग्राहकों का मानदेय बढ़ाना, गरीबों का बिजली बिल आधा करना, राज्य के हर कार्ड धारी को सस्ते दर पर चावल देने के बारे में कोई संवेदनशील मुख्यमंत्री ही कर सकता है.

सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा प्रभारी पुरंदेश्वरी नेता विहीन भाजपा को उस विकास के मुद्दे पर चुनाव में ले जाने की बात कर रही जिसे जनता ने 2018 में नकार दिया है. पुरंदेश्वरी को भाजपा सरकार के दौरान कमीशन खोरी और भ्रष्टाचार की नीयत से बनाई गई अट्टालिकाओं में विकास नजर आता है, उन्हें नई राजधानी के 14000 करोड़ फिजूल निर्माण, स्काई वाक स्प्रेस वे जैसे भ्रष्टाचारों में विकास दिख रहा एक बार फिर से इनको जनता की अदालत में आजमा कर देख ले.

कांग्रेस की भूपेश सरकार ने आप आदमी के शशक्तिकरण और उसकी आर्थिक उन्नति को विकास का पैमाना माना है. इसीलिए किसानों को आर्थिक सहायता दी जा रही राज्य के बड़े इलाके के निवासी वन क्षेत्र के निवासियों को उनकी आय के मुख्य साधन वनोपज को समर्थन मूल्य में खरीदा जा रहा. कांग्रेस सरकार कमजोर कांक्रीट के जंगलों के बजाय मजबूत आर्थिक रूप से सम्पन्न मानवों की बस्तियों को बसाने में जुटी है. 2023 के चुनाव के लिये कांग्रेस के पास भूपेश बघेल के रूप में लोकप्रिय मजबूत चेहरे के साथ उनके सरकार के ठोस कार्यो की फेहरिस्त होगी.

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