रायपुर। भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संदीप शर्मा ने कहा कि तीन दिन तक सब्जी-फल को आवश्यक वस्तु से बाहर करने के कांग्रेस सरकार के निर्णय को अव्यवहारिक एवं आपत्तिजनक बताया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार इस निर्णय को सोशल डिसटेंसिंग के लिए जरूरी बता रही है, जबकि प्रदेश सरकार की सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जी उड़ गई। आज सुबह से सब्जी बाजारों में अचानक भारी भीड़ देखने को मिली, इसी प्रकार पैसे के लिए बैंकों में भी भारी भीड़ उमड़ पड़ी है।

 

संदीप शर्मा ने कहा कि तीन दिन बाद सोमवार से फिर सब्जी बाजार के हालात क्या होंगे इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है। सब्जी और फल के विक्रय प्रतिबंध के इस अव्यवहारिक निर्णय से किसानों में भारी हताशा है। शर्मा ने कहा कि ठेलों से प्रतिदिन निकलने वाले 350 टन केला, 300 टन पपीता, 100 टन अमरूद, 150 टन मिर्च, 400 टन टमाटर सहित टनों भाटा, मूली, गोभी, भाजी, आने वाले तीन दिनों में बर्बाद हो जाएंगे। जो फुुटकर व्यापारी बेचने के लिए खरीद चुके हैं उसकी बर्बादी अलग से होगी। अभी कच्चा केला उत्पादक अपने उत्पाद पूंजी खड़ा करने 5 रुपये किलो में बेचने के लिए तैयार है। ऐसे समय में सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए पके केला 20 रुपए दर्जन से अधिक में न बिके। जबकि पके केले 50 रुपए दर्जन में बिक रहे हैं। ऐसा न हो यह चिन्ता छोड़ सब्जी बंदी कर घोर अव्यवहारिक कदम उठाया हा रहा है।

भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संदीप शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार नेफेड, रेल्वे, मंडी बोर्ड, किसान, व्यापारी, कृषि विभाग की बैठक कर यह सुनिश्चित करने का ढोंग कर रही है। राज्य के उत्पादित सब्जी, फल को कैसे बाहर खपाया जाए, वहीं दूसरी ओर जो उत्पाद राज्य में ही खपाये जा रहे थे उसे आगामी तीन दिन आवश्यक वस्तु की श्रेणी से बाहर कर राज्य के सब्जी उत्पादक किसान व सब्जी विक्रेताओं के साथ घोर अन्याय कर रही है। भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश सरकार से यह मांग करती है कि सब्जी फल को आवश्यक वस्तु में शामिल कर “सोशल डिसटेंसिंग” का पालन करते हुए इसकी विक्रय को सुचारू रूप से संचालित करने की व्यवस्था करे।